चीनी लोन ऐप पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में भारत सरकार

चीनी लोन ऐप पर आधारित ऋण सेवा देने वाले मंचों की गैरकानूनी गतिविधियों से चिंतित सरकार ने इनके खिलाफ कार्रवाई की व्यापक योजना बनाने का फैसला किया है।इसके तहत गड़बड़ी करने वाले ऐप को एपस्टोर से बाहर करने की कार्रवाई की जाएगी। ऐप आधारित ऋण कारोबार में गड़बड़ी करने वाले ज्यादातर ऐप का संपर्क चीन के लोगों से है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे मंचों की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यहां उच्च स्तरीय बैठक की।बैठक में इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की गई जिनमें खासकर निम्न आय वर्ग के लोगों को अत्यधिक ऊंची दरों पर कर्ज दिये जाते हैं और ग्राहक पर ऐसे खर्च डाल दिये जाते हैं जिनकी जानकारी ग्राहक से छिपाई गई होती है।

बड़ी संख्या में शिकायतें हैं कि ये मंच वसूली में भयादोहन और धौंस पट्टी जैसे गैरकानूनी हथकंडे अपनाते हैं।वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार बृहस्पतिवार को हुई इस बैठक वित्त मंत्री ने इस आशंका का भी उल्लेख किया कि इस काम में धनशोधन, कर चोरी, व्यक्तिगत डाटा की निजता का उल्लंघन और इन मंचों का ऐसे दूसरे कामों में दुरुपयोग होने की भी आशंका है।

चर्चा में यह फैसला किया गया कि कानूनी रूप से कारोबार करने वाले ऋण ऐप की रिजर्व बैंक एक स्वच्छ सूची तैयार करेगा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि ऐप स्टोर पर केवल इस स्वच्छ सूची के ऐप ही रखे जाएं।रिजर्व बैंक इन गैरकानूनी ऋण ऐप के साथ फर्जीवाडे के लिए जोड़े गए खातों की भी निगरानी करेगा और देखेगा कि कहीं उनका उपयोग मनीलॉड्रिंग के लिए नहीं हो रहा है।

रिजर्व बैंक की सुप्त गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की समीक्षा भी करेगा और उनका लाइसेंस रद्द करेगा ताकि उनका दुरुपयोग न हो सके।रिजर्व बैँक यह सुनिश्चित करेगा कि कोई गैर पंजीकृत भुगतान एग्रीगेटर प्लेटफार्म परिचालन न कर सके, भुगतान एग्रीगेटर के लिए पंजीकृत प्रक्रिया का सुव्यवस्थित और समयबद्ध किया जाएगा।

इसी तरह कारपोरेट मामलों का मंत्रालय खोखा कंपनियों के जरिए गड़बड़ी रोकने के लिए उनकी पहचान और उनके पंजीकरण रद्द करने का काम करेगा। इस बैठक में यह भी फैसला किया गया कि ग्राहकों, बैंककर्मियों, सरकारी प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य संबंधित पक्षों को ऑन लाइन प्रणाली से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूक किया जाए।

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