कैम्ब्रिज एनालिटिका को भारत सरकार का नोटिस

भारत सरकार ने फेसबुक यूजर्स का डाटा चोरी करने वाली संस्था कैम्ब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजा है। सरकार ने संस्था से भारतीय चुनावों में रोल को लेकर जवाब मांगा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कैम्ब्रिज एनालिटिका से पूछा गया है कि क्या संस्था ने भारतीय नागरिकों के फेसबुक डाटा का गलत इस्तेमाल से उनके वोटिंग पैटर्न पर कोई प्रभाव डाला है।

बता दें कि कैम्ब्रिज एनालिटिका पर अमेरिकी चुनावों में करीब 50 लाख मतदाताओं के डाटा तक गैरकानूनी तरीके से पहुंच बनाने के आरोप लगे हैं।क्या किसी यूजर का पर्सनल डाटा शेयर करने से पहले उसकी अनुमति ली गई?क्या उस डाटा का इस्तेमाल लोगों की पसंद-नापसंद को प्रभावित करने के लिए किया गया?

सरकार ने संस्था को जवाब देने के लिए 31 मार्च तक का वक्त दिया है।बता दें कि इसी हफ्ते सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डाटा चोरी के मुद्दे पर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग तक को समन भेजने की बात कही थी। प्रसाद ने कहा था कि डाटा चोरी जैसे मुद्दों पर वो फेसबुक के खिलाफ कड़े से कड़े एक्शन लेंगे।

चुनाव जीतने के लिए एक-दूसरे पर डाटा चोरी का आरोप लगा चुक हैं बीजेपी-कांग्रेसबता दें कि इससे पहले बीजेपी ने कांग्रेस पर गुजरात चुनाव जीतने के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद लेने का आरोप लगाया था।वहीं, कांग्रेस ने दावा किया था कि बीजेपी-जेडीयू ने 2010 का चुनाव जीतने के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद ली थी।

कैम्ब्रिज एनालिटिका पर चुनावों को प्रभावित करने का आरोपन्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन ऑब्जर्वर ने पिछले हफ्ते अपनी इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में कैम्ब्रिज एनालिटिका के बारे में खुलासे किए।एक टीवी चैनल ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के सीईओ से जुड़ी एक रिपोर्ट दिखाई।

इसमें निक्स कैमरे के सामने यह कह रहे हैं कि उन्होंने नेताओं को जाल में फंसाने और चुनावों पर असर डालने के लिए खूबसूरत महिलाओं का इस्तेमाल किया और रिश्वत भी दी। फेसबुक से जुड़े डाटा चोरी के इस मामले की खबर के बाद महज 48 घंटे में मार्क जुकरबर्ग को करीब 58,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

निक्स पर आरोप है कि उन्होंने 5 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स की प्राइवेट इन्फॉर्मेशन तक पहुंच बनाई और कैंपेन में उसका गलत इस्तेमाल किया।रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक ने यह डाटा कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की कंपनी को दिया था। एनालिटिका ने ही ट्रम्प के चुनाव प्रचार में मदद की थी।

कैंम्ब्रिज एनालिटिका डाटा माइनिंग और डाटा एनालिसिस करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावमें कैंपेन के लिए इसी कंपनी की मदद ली थी। ऐसा कहा जाता है कि इस कंपनी ने 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के लिए कैंपेन की थी। जेडीयू ने तब 141 सीटों पर चुनाव लड़ा और 115 जीतीं। 

यह भी चर्चा रही कि पिछले साल पंजाब और गुजरात विधानसभा चुनाव में कैंम्ब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग की थी। कांग्रेस ने पंजाब में 117 में से 77 सीटें जीतीं। वहीं, गुजरात में भी कांग्रेस को 77 सीटें दिलाने में कामयाब रही थी।भारत में क्रैम्ब्रिज एनालिटिका का नाम एससीएल इंडिया से जुड़ा है।

इसकी वेबसाइट के मुताबिक, यह लंदन के एससीएल ग्रुप और ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड का साझा उपक्रम है। ओवलेनो की वेबसाइट के मुताबिक, 300 से ज्यादा स्टाफ और 1400 से ज्यादा काउंसलर भारत के 10 राज्यों में काम करते हैं।ओबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, वह ‘पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट’ का काम देखती है। उसकी क्लाइंट की लिस्ट में कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू, आईसीसीआई और एयरटेल का नाम है।

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