अमरनाथ यात्रा के लिए सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए जारी की गाइडलाइंस

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 43 दिनों तक चलने वाले वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए जरूरी गाइडलाइंस जारी की है. प्रशासन ने यात्रियों से ऊंचाई पर खुद को फिट रखने के लिए रोजाना सुबह की सैर पर जाने और सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करने का आग्रह किया है.

पवित्र यात्रा 30 जून, 2022 को शुरू होने वाली है और 11 अगस्त, 2022 को रक्षा बंधन पर समाप्त होगी.जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार ने बताया कि भक्तों को सुबह की सैर पर जाना चाहिए, सांस लेने के व्यायाम करने चाहिए.

अपने गर्म कपड़े और खाने की चीजें रखनी चाहिए और खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए. उनकी टिप्पणी उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान 90 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान जाने के बाद आई है. ये मौतें दिल का दौरा, पहाड़ की बीमारी और अन्य कारणों से शुरू हुईं थीं.

नीतीश्वर कुमार ने कहा कि जिन तीर्थयात्रियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कर लिया है या इसकी योजना बना रहे हैं. उन्हें रोजाना लगभग 4 से 5 घंटे सुबह या शाम की सैर करनी चाहिए. इस यात्रा के लिए खुद को फिट रखना जरूरी है. पवित्र गुफा 12,700 फीट बहुत ऊंचाई पर है.

रास्ते में 14,000 या 15,000 फीट को पार करना होगा. ऐसे में गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास जरूरी है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है.बारिश के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्र में तापमान में कभी-कभी गिरावट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को एहतियात के तौर पर गर्म कपड़े ले जाने चाहिए.

यात्रा के दौरान बारिश होने पर तापमान लगभग 5 डिग्री तक गिर जाता है. इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए अपने गर्म कपड़े अपने साथ लाएं. एक चलने वाली छड़ी, जैकेट और खाने की चीजें लाएं. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खुद को हाइड्रेट करते रहें.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को लेकर हुई अहम बैठक में अमरनाथ यात्रा समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी. केंद्र ने उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा सरकारों से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है कि केदारनाथ यात्रा और आगामी अमरनाथ यात्रा और रथ यात्रा इस तरह से आयोजित की जाए ताकि उच्च स्तर की स्वच्छता सुनिश्चित हो सके.

इस संबंध में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. विशेष रूप से उत्तराखंड में चार पवित्र मंदिर हैं जो हिंदू देवताओं और भारत की पवित्र नदियों को समर्पित हैं.

चार मंदिर गढ़वाल क्षेत्र में हैं. इन्हें उत्तराखंड के चार धाम के रूप में जाना जाता है. हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत महत्व है. ऐसा माना जाता है कि सभी हिंदू को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार चार धाम यात्रा करनी चाहिए ताकि देवताओं का आशीर्वाद मिल सके.

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