अन्नाद्रमुक और बीजू जनता दल ने मोदी सरकार पर एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ धीमी गति से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.अन्नाद्रमुक और बीजू जनता दल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच फिक्सिंग का मामला लगता है.एयरसेल-मैक्सिस घोटाले पर लोकसभा में नियम 193 के तहत हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए इन दलों ने कहा कि पर्याप्त सबूतों के बावजूद सरकार चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को आदेश देना चाहिए कि वे इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे. चर्चा के दौरान कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोंबीच नारेबाजी कर रहे थे और उन्होंने बाद में वामपंथी दलों के सदस्यों के साथ बहिर्गमन भी किया.बीजद के भर्तृहरि मेहताब ने इस चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने कार्ती चिदंबरम को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उनका कारोबार 14 देशों में फैला हुआ है और अपने पिता के वित्त मंत्री रहते उन्होंने इस कारोबार को फैलाया था.
मेहताब ने कहा कि विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) का प्रमुख होने के नाते वित्त मंत्री केवल 600 करोड़ रुपये के करार को मंजूरी दे सकता है लेकिन इस मामले में चिदंबरम ने करीब 3500 करोड़ रुपये के करार को मंजूरी दी. यह कानूनों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि जब एजेंसियों के पास चिदंबरम के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं तो उनके खिलाफ अभी तक एफआईआर दायर क्यों नहीं की गयी है. सरकार चिदंबरम पर नरमी क्यों दिखा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह भाजपा और कांग्रेस के बीच फिक्सिंग का मामला है.
अन्नाद्रमुक के टी जी वेंकटेश ने कहा कि भाजपा काले धन के खिलाफ कार्रवाई करने के वादे के साथ सत्ता में आयी थी लेकिन इस मामले में मोदी सरकार ने अपेक्षित गति से कार्रवाई नहीं की है. एयरसेल-मैक्सिस घोटाला एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये के टूजी घोटाले का हिस्सा है. इसमें द्रमुक के दो पूर्व मंत्रियों के अलावा चिदंबरम की भी भूमिका है.सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि चिदंबरम को कौन बचा रहा है. मोदी को सीबीआई और ईडी को निर्देश देना चाहिए कि वह चिदंबरम और उनके बेटे के खिलाफ कार्रवाई करे. मामले की समयबद्ध विस्तृत जांच होनी चाहिए.
अन्नाद्रमुक के टी जी वेंकटेश ने पूर्व वित्त मंत्री के बेटे पर धनशोधन के जरिए विदेशों में विशाल कारोबार साम्राज्य खड़ा करने का आरोप लगाने के साथ ही सरकार से जानना चाहा कि विदेशों से काला धन वापस लाने का वादा कर सत्ता में आयी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार इस मामले में दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने में देरी क्यों कर रही है.गौरतलब है कि सीबीआई यह जांच कर रही है कि क्या तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदम्बरम मैक्सिस की सहायक कंपनी ग्लोबल कम्युनिकेशन सर्विसिज होल्डिंग लिमिटेड को वर्ष 2006 में एयरसेल लिमिटेड को 80 करोड़ डालर की राशि का निवेश करने की अनुमति देने के लिए अधिकार संपन्न थे.
वेंकटेश ने आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी और वामपंथी सदस्यों के हंगामे के बीच जानना चाहा कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है जो देश के खजाने को1.76 लाख करोड़ रूपये का भारी नुकसान पहुंचाने वाले 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाले से जुड़ा है.