कच्चे माल की लागत बढ़ने के चलते व्हाइट गुड्स कंपनियों पर दबाव बढ़ा है। लागत बढ़ने की वजह से फ्रिज, एसी और वॉशिंग मशीन अगले महीने 3-5% तक महंगे हो सकते हैं। कीमतों में बढ़ोतरी का असर दिसंबर से दिखने की संभावना है। दरअसल, अभी रिटेलर्स के पास दिवाली पर बिना बिका स्टॉक है। पुराना स्टॉक निकलने के साथ नया माल ऊंची कीमतों पर बिकने लगेगा।
कंज्यूमर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ी कीमत पर ताजा स्टॉक खरीदने से पहले रिटेलर्स पुराना स्टॉक क्लियर करेंगे।इस साल व्हाइट गुड्स कंपनियों की कच्चे माल की लागत में लगभग 30 से 50% तक बढ़ोतरी हो चुकी है। स्टील का दाम 40% चढ़ चुका है, जबकि कॉपर 50% महंगा हुआ है।
ग्लोबल मार्केट में माल की कमी के चलते अहम केमिकल एमडीआई का दाम दुगुना हो गया है। एमडीआई खासतौर पर फ्रिज के लिए फोम बनाने के काम आता है।गोदरेज एप्लायंसेज के बिजनेस हेड कमल नंदी के मुताबिक करीब 70% कच्चा माल इन्हीं तीन प्रोडक्ट्स का होता है। इससे लागत 5-6 फीसदी बढ़ी है। हालांकि कंपनियां कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी का कुछ बोझ खुद उठाएंगी और बाकी ग्राहकों पर डालेंगी।
यह काम भी चरणबद्ध तरीके से होगा, क्योंकि बाजार में खास तेजी नहीं है। अगले महीने फ्रिज महंगा होगा। फिर वॉशिंग मशीन और अंत में जनवरी में एसी की बारी आएगी। दूसरी कंपनियां भी कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं।अधिकारियों का कहना है कि 4 और 5 स्टार एसी का दाम बढ़ सकता है, क्योंकि सरकार ने जनवरी से इंडियन सीजनल एनर्जी एफिशिएंसी रेशो वाली नई रेटिंग को जरूरी कर दिया है।
इसके अलावा इनवर्टर एसी और सस्ते फिक्स्ड स्पीड एसी मॉडल्स की भी ऐसी ही रेटिंग हुआ करेगी।इसके चलते मौजूदा फाइव स्टार फिक्स्ड स्पीड एसी जनवरी से नए सिस्टम में थ्री स्टार हो जाएंगे।एक एसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के अधिकारी का कहना है कि 4 और 5 स्टार फिक्स्ड एसी मैन्युफैक्चरर्स की लागत बढ़ेगी। इस तरह के एसी के दाम बढ़ेंगे, लेकिन इनवर्टर एसी और इनका प्राइस डिफरेंस घट सकता है।
नए मॉडल की कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर रिटेलर्स पुराना स्टॉक निकालने के लिए पुराने मॉडल पर कुछ डिस्काउंट की पेशकश कर सकते हैं। दरअसल, कीमतों में संभावित बढ़ोतरी के मद्देनजर रिटेलर्स को पुराना स्टॉक डिस्काउंट पर निकालना होगा।जानकारों का कहना है कि दिवाली पर प्रीमियम प्रोडक्ट्स की मांग के चलते एंट्री और मिड सेगमेंट प्रोडक्ट्स की मांग पर असर पड़ा है।