भारतीय वायुसेना में पहली बार तीन प्रशिक्षु महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए समारोहपूर्वक वायुसेना में शामिल किया जाएगा.भारतीय वायुसेना शनिवार को इतिहास रचने जा रही है. हैदराबाद से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर डुंडिगल एयरफोर्स अकादमी में पहली बार तीन प्रशिक्षु महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए समारोहपूर्वक वायुसेना में शामिल किया जाएगा.
देश की इन प्रथम तीन जांबाज महिलाओं के नाम हैं- फ्लाइंग आफिसर भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनि चतुर्वेदी. 120 महिला कैडेटों में से इनका चयन किया गया था.पिछले साल अक्टूबर माह में भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलटों को भी शामिल करने की मंजूरी प्रदान की थी. हालांकि वर्ष 1991 से ही यहां की वायुसेना में महिलाएं हेलीकाप्टर तथा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाती आ रही हैं.
लेकिन लड़ाकू विमानों से इनको दूर ही रखा जाता था. भारतीय वायुसेना में कुल 15 सौ महिला कर्मचारी हैं.उक्त तीनों महिला लड़ाकू पायलटों की पहले चरण की ट्रेनिंग 18 जून को खत्म हो रही है. उन्हें इसी दिन वायुसेना अकादमी में समारोहपूर्वक दूसरे चरण में भेजा जाएगा जहां वे ट्रेनर हांक और लड़ाकू विमानों पर एक साल तक कड़ी ट्रेनिंग प्राप्त करेंगी. इस अवसर पर उन्हें वायुसेना में शामिल (कमीशन) कर लिया जाएगा.
इस ऐतिहासिक समारोह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर तथा वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे तथा जांबाज महिला पायलटों की हौसलाआफजाई करेंगे. इन्होंने 150 घंटे की ट्रैनिंग पूरी की है.महिला लड़ाकू पायलटों के चयन के पहले चरण में 120 कैडेट्स में से सिर्फ 37 का चयन किया गया था, जिसमें से अंतिम दौर में उक्त तीन कैडेट्स चुनी गई. वायुसेना ने फायटर महिला फाइलटों को चार साल तक गर्भधारण न करने का निर्देश जारी किया गया है. दुनिया के अन्य देशों जैसे अमेरिका, रूस इत्यादि में महिला लड़ाकू विमान पायलटों की नियुक्ति पहले से ही कर रखी है.