कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों को ईवीएम से चुनाव को लेकर भरोसा नहीं

ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले को लेकर कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों का एक डेलीगेशन इलेक्शन कमीशन के दफ्तर पहुंचा। डेलीगेशन ने ईसी ऑफिशियल्स से कहा कि उनका अब ईवीएम पर भरोसा नहीं है। सभी दलों ने बैलेट पेपर के पुराने सिस्टम को बहाल करने की मांग की। न्यूज एजेंसी के मुताबिक कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा वोटर को विश्वास होना चाहिए कि वो जिसको वोट दे रहा है, वोट उन्हीं को जाएगा।

इससे पहले, संसद में गुलाम नबी आजाद के चैम्बर में दोपहर में हुई एक मीटिंग में इस बारे में रणनीति बनी। जिसमें कांग्रेस के कई नेताओं समेत जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, बीएसपी, सपा, एनसीपी, सीपीआई और सीपीआई-एम के नेता शामिल हुए। मीटिंग में इस मसले को ईसी के सामने मजबूती से उठाने पर रजामंदी बनी।

सभी विपक्षी दलों ने यह तय किया कि ईसी के सामने इस साल आगे होने वाले चुनावों (गुजरात, हिमाचल प्रदेश) में 50% कॉन्स्टिट्वेंसीज में VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) और बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग रखी जाए।एक नेता ने कहा इससे वोटिंग सिस्टम की जांच में मदद मिलेगी और सारे शक भी दूर हो जाएंगे।

विपक्षी नेता होने वाले चुनावों में VVPAT के इस्तेमाल की मांग पहले भी करते रहे हैं। आप, बीएसपी, टीएमसी समेत कांग्रेस ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए इसकी जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल की बात पर जोर दिया है।मीटिंग में आजाद समेत कांग्रेस के कई सीनियर नेता-अहमद पटेल, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा मौजूद थे।

इनके अलावा जेडीयू नेता अली अनवर अंसारी, टीएमसी के सुखेंदू शेखर रॉय, बीएसपी के सतीश मिश्रा, सपा के नीरज शेखर भी मीटिंग में मौजूद थे। आरजेडी के जेपी नारायण यादव, एनसीपी के मजीद मेमन, सीपीआई के डी राजा और सीपीआई-एम के सीपी नारायणन भी इसमें शामिल हुए।

ममता बनर्जी ने कहा- ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है, इसलिए बैलेट पेपर का पुराना सिस्टम वापस लाया जाए, ओल्ड इज ऑलवेज गोल्ड।अरविंद केजरीवाल बोले- इलेक्शन कमीशन धृतराष्ट्र बनकर अपने बेटे (बीजेपी) को चुनाव जिताने में मदद कर रहा है।पांच राज्यों (यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर) में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही ईवीएम को लेकर सवाल उठने शुरू हुए। कांग्रेस, आप, बीएसपी और सपा के नेताओं ने जोर-शोर से ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। 

हालांकि रविवार को ही चीफ इलेक्शन कमिशनर नसीम जैदी ने फैक्ट्स जारी कर यह दोहराया कि EVM पूरी तरह टेम्पर प्रूफ है, इसे बनाने वाली कंपनियां भी छेड़छाड़ नहीं कर सकती हैं।इलेक्शन कमीशन ने 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त से EVM में बटन दबाने के बाद वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की शुरुआत की थी।

अभी 100% पोलिंग बूथ पर इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर ट्रांसपेरेंसी के लिए ईवीएम में तीसरी यूनिट VVPAT भी जोड़ी है।VVPAT से फायदा यह है कि जब भी वोटर बटन दबाता है तो ईवीएम के पास रखी मशीन से एक स्लिप निकलती है। एटीएम की तर्ज पर यह पर्ची निकलती है।

इस पर प्रिंट रहता है कि वोट किसे गया। इसे बैलेट बाक्स में रख लिया जाता है। ये बॉक्स आयोग के पास होते हैं। इस तरह वोटर आश्वस्त हो जाता है कि उसका वोट दर्ज हो गया है।इस बार पूरे गोवा, पंजाब की 20 और यूपी की 30 सीटों पर इस टेक्नीक के साथ चुनाव हुआ था।

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