महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है. 100 करोड़ की वसूली मामले में अनिल देशमुख की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.
इससे पहले ED ने अनिल देशमुख को कई बार समन भेजा लेकिन वे एक बार भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए.इससे पहले पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय के समन को रद्द करने की मांग की करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटकटाया था. लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने देशमुख द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
गुरुवार को जब मामला पहली बार सामने आया, तो जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे ने बिना कोई कारण बताए याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. देशमुख ने बुधवार को याचिका दायर कर अपना बयान दर्ज करने के लिए ईडी के समन को रद्द करने, मुंबई क्षेत्र के बाहर के अधिकारियों को शामिल करने वाली एक एसआईटी का गठन करने, इलेक्ट्रॉनिक मोड में अपना बयान दर्ज कराने, एक अधिकृत एजेंट के माध्यम से उपस्थिति और निर्देश के रूप में अन्य राहत देने की मांग की थी.
मार्च में मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीबीआई की FIR के बाद ईडी अप्रैल से देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. देशमुख ने अब तक ईडी के पांच सम्मनों को छोड़ दिया है.
यहां तक कि एजेंसी ने मुंबई और नागपुर में उनके ठिकानों पर छापा मारा और पूर्व मंत्री के दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया. पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था और देशमुख को एक उपयुक्त अदालत जाने के लिए कहा था.