आध्यात्मिक विश्वविद्यालय संस्था के फाउंडर बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित हुआ अंडरग्राउंड

आध्यात्मिक विश्वविद्यालयों के आश्रमों में शिकंजा कसते ही संस्था का फाउंडर बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित अंडरग्राउंड हो गया है। अब तक दिल्ली के रोहिणी और राजस्थान में उसके 4 आश्रमों पर छापेमारी हो चुकी है। 125 नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को छुड़ाया जा चुका है। एक एनजीओ ने इन्हें कैद करने का आरोप लगाया है।

वीरेंद्र देव के अमेरिका, राजस्थान, यूपी, हरियाणा और दिल्ली में करीब 200 आश्रम बताए जाते हैं, जिनमें से 8 राजधानी में ही हैं।जांच एजेंसियां इनका पता लगा रही हैं। बाबा से जुड़े लोगों की मानें तो वह अपने प्रवचनों में अक्सर कहता था कि दुनिया 2066 में खत्म हो जाएगी। मैं भगवान राम का अवतार हूं। आप मेरी पूजा करो और अपना तन-मन-धन मुझे अर्पित कर दो।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वीरेंद्र देव को 4 जनवरी तक पेश किया जाए।वीरेंद्र देव के आश्रमों पर कार्रवाई के चौथे दिन दैनिक भास्कर सबसे पहले बाबा के उत्तम नगर के आश्रम पहुंचा। यह आश्रम बी-307, मोहन गार्डन, उत्तम नगर के 200 गज के चार मंजिला मकान में है। इसके नीचे दुकानें हैं। पूछने पर फर्स्ट फ्लोर से गुरुमूर्ति नाम का अधेड़ शख्स बाहर आया।

खुद को गवर्नमेंट डिपार्टमेंट से रिटायर ज्वाइंट डायरेक्टर बताने वाले गुरुमूर्ति पहले बाबा के बारे में मीडिया में चल रहीं खबरों से भड़क गए, फिर रिपोर्टर के उन्हें समझाने के बाद उन्होंने बताया कि घर का तीसरा और चौथा फ्लोर 2010 में उन्होंने आश्रम के लिए दिया है।वे खुद सालों से बाबा के अनुयायी हैं।

एक बार बाबा से मिले गुरुमूर्ति का कहना है कि बाबा देश और विदेश के अलग-अलग राज्यों में बने अपने आश्रमों और सेंटर में आते-जाते हैं। सिर्फ एक बार उनसे मिला हूं। अब वो कहां हैं नहीं पता, लेकिन बाबा ने किसी का रेप नहीं किया।इसी मकान के दूसरे और तीसरे फ्लोर पर तो गुरुमूर्ति ने भास्कर रिपोर्टर को नहीं जाने दिया, लेकिन सीढ़ियों से रिपोर्टर ने देखा कि दोनों मंजिलों को जेलनुमा बनाकर प्लास्टिक की शीट से ढका हुआ है।

200 गज के मकान में 16 महिलाएं और 5 नाबालिग लड़कियां हैं। इनमें से ज्यादातर बीमार हैं और अलग-अलग जगह उनका इलाज चल रहा है। आश्रम में केवल लड़कियों को रखने के सवाल पर गुरुमूर्ति ने कहा कि लड़कियां पवित्र होती हैं। वे अपने घर रहेंगी तो परिजन उनकी शादी कर देंगे।बता दें कि रोहिणी, उत्तम नगर और नांगलोई की तरह दिल्ली में बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के करीब 8 आश्रम बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां इनकी कुंडली खंगालने में जुटी हुई हैं।

बाबा योग सिखाने के बहाने लड़कियों को आश्रम से जोड़ता है। फिर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। इस दौरान बाहरी दुनिया और घरवालों से लड़कियों का कोई कॉन्टैक्ट नहीं होता है, वह केवल बाबा और उसकी शिक्षा को ही सबसे ऊपर मानने लगती हैं।दिनचर्या की शुरुआत तड़के 2 बजे होती थी। नहाने के बाद लड़कियों को मेडिटेशन रूम में ले जाया जाता था, जहां लाल रंग के बल्ब की रोशनी में बाबा का ऑडियो चलता है।

सुबह 6 बजे तक 3 घंटे मेडिटेशन के बाद ब्रेकफास्ट दिया जाता था। फिर लड़कियों को कार में अलग-अलग जगहों पर भेजा जाता था।शाम 4 बजे से बाबा के प्रवचन की तैयारी होती थी। यह सब रात 8 बजे तक चलता था। इस पूरे वक्त के दौरान लड़कियों को नशीली दवाएं दी जाती थीं।रविवार खास दिन होता था, इस दिन 28 साल से कम उम्र की लड़कियों को तड़के कारों में बैठाकर कहीं भेजा जाता था और वहां से वह अगले दिन आती थीं।

आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर अय्याशी का आश्रम चलाने वाले वीरेंद्र दीक्षित के 3 और ठिकानों पर पुलिस ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की।इनमें राजस्थान के माउंटआबू में आश्रम का हेडक्वार्टर, आबू रोड स्थित आश्रम और दिल्ली के उत्तम विहार का आश्रम शामिल है। माउंट आबू से पुलिस ने 65 लड़कियां छुड़ाईं, वहीं उत्तम नगर के आश्रम में पुलिस को 16 महिलाएं और 5 लड़कियां मिलीं।

शुक्रवार दोपहर सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति जयहिंद ने कोर्ट को बताया कि आश्रम में लड़कियों को पिंजरे के भीतर रखा जाता था। यह सुनकर एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच ने कहा- हम किस युग में जी रहे हैं, देश की राजधानी में महिलाएं कैद थीं, हैरेसमेंट होता रहा, प्रशासन कहां सो रहा था?

इसके बाद बेंच ने सीबीआई, दिल्ली पुलिस और वुमन कमीशन को बाबा के सभी आश्रमों पर कार्रवाई का आदेश दिया। कोर्ट ने आश्रम के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि बाबा को हाजिर करो, नहीं तो वारंट जारी कर देंगे।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *