चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश और उनके अन्य सहयोगी अफसर पहली बार अरविंद केजरीवाल सरकार की मीटिंग में शामिल हुए। केजरीवाल सरकार ने असेंबली के बजट सेशन की तारीख तय करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई। बजट सेशन 16 से 28 मार्च तक चलेगा। वहीं, मीटिंग से पहले सीएस ने केजरीवाल को लेटर लिखा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अफसरों की सुरक्षा का भरोसा दें तो हम आने के लिए तैयार हैं। बता दें कि आप विधायकों पर 19 फरवरी को एक मीटिंग में सीएस के साथ मारपीट का आरोप है। कोर्ट ने दोनों आरोपी विधायकों की जमानत से इनकार कर दिया है।अंशु प्रकाश ने लेटर में कहा दिल्ली के अफसर और कर्मचारी पूरी निष्ठा से सरकार का काम करना चाहते हैं।
बजट से जुड़ी अहम बैठक में हम शामिल होना चाहते हैं, लेकिन पहले अफसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। भरोसा दिया जाए कि इस दौरान अफसरों पर किसी तरह का शारीरिक और मौखिक हमला नहीं हो। साथ ही अफसरों की मर्यादा बरकरार रहे।इससे पहले आईएएस ज्वाइंट फोरम ने सोमवार को काली पट्टी बांध कर चीफ सेक्रेटरी के साथ मारपीट का विरोध जताया।
फोरम की मेंबर पूजा जोशी ने कहा हम यही चाहते हैं कि सीएम इस मामले पर लिखित माफी मांगे, लेकिन सीएम और डिप्टी सीएम इनकार कर रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि वे भी इस साजिश का हिस्सा हैं।वहीं, सोमवार को दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया जिस मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी के साथ मारपीट हुई, वो मुख्यमंत्री के बंगले के कैंप ऑफिस में नहीं बल्कि ड्रॉइंग रूम में हुई थी।
जांच के दौरान सीएम हाउस से जब्त किए गए सीसीटीवी के साथ छेड़छाड़ की गई थी, उनकी टाइमिंग अलग थी।मारपीट केस में कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के बंगले में एक घंटे तक छानबीन और पूछताछ की थी। पुलिस के मुताबिक, सीएम हाउस में 21 कैमरे लगे थे, जिनमें से 14 काम कर रहे थे और 7 में रिकॉर्डिंग बंद मिली।
चीफ सेक्रेटरी से जिस जगह मारपीट हुई, वहां कोई कैमरा नहीं लगा था। 21 सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग और हार्ड डिस्क जब्त की गई। सभी कैमरों के टाइमर 40 मिनट पीछे थे।आप विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल पर चीफ सेक्रेटरी के साथ मारपीट करने का आरोप है। पुलिस ने दोनों गिरफ्तार किया था, जिन्हें कोर्ट ने ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था।
विधायकों ने जमानत के लिए तीस हजारी कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। लेकिन मंगलवार को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार (19 फरवरी) रात को अपने बंगले पर कुछ योजनाओं पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई थी।
इसमें अंशु प्रकाश भी शामिल हुए। सीएस का आरोप है कि यहां उन पर आप के एक विज्ञापन को पास कराने का दबाव डाला गया। जब वह मना करके जाने लगे तो दो विधायकों ने उन्हें कंधे पर हाथ रखकर वहीं बैठा दिया। दोबारा उठे तो गाल पर जोर से मारा। पीठ पर भी घूंसे पड़े और गालियां दी गईं।