राफेल डील मामले में ऑडियो टेप को लेकर हुआ लोकसभा में दिनभर हंगामा

लोकसभा के शीतकालीन सत्र में दिन हंगामे से भरा रहा। राफेल मुद्दे पर निचले सदन में बीजेपी-कांग्रेस के बीच जमकर बयानबाजी हुई। दरअसल, राफेल पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ऑडियो टेप चलाने की मांग की जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने इजाजत देने से इनकार कर दिया।

कांग्रेस का दावा है कि इस ऑडियो टेप में गोवा के स्वास्थ्य मंत्री और एक पत्रकार के बीच फोन पर की गई बातचीत है, जिसमें कहा जा रहा है कि राफेल सौदे से जुड़ी सभी फाइलें मनोहर पर्रिकर के घर पर रखी हैं।

राहुल गांधी को लोकसभा में ऑडियो टेप चलाने की तो इजाजत नहीं मिली, लेकिन इस टेप को लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाने साधे। ऑडियो टेप को कांग्रेस ने ट्वीटर पर शेयर भी किया। अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इस टेप के हवाले से केन्द्र की मोदी सरकार को घेरा।

विपक्षी पार्टियां राफेल सौदे की जांच के लिए JPC की मांग पर अड़ी रही। इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल को लेकर विपक्षी पार्टियों के तमाम आरोपों और इससे जुड़े ऑडियो टेप पर जवाब दिए। अरुण जेटली ने टेप को फर्जी बताते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इस संबंध में सब झूठ बोला है।

हमें उम्मीद थी कि वे कुछ पुख्ता बातें सदन में रखेंगे, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस नेता को राफेल विमान के बारे में कुछ पता ही नहीं है।राफेल सौदे पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने ऑडियो टेप का जिक्र किया। उन्होंने कहा राफेल की सच्चाई पूरा देश उनसे जानना चाह रहा है।

गोवा के एक मंत्री की टेप रिकॉर्डिंग सामने आई है। मैं चाहता हूं कि सदन में उसे चलाने की अनुमति दी जाए।’लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने टेप चलाने की अनुमति नहीं दी और राहुल से कहा कि इस तरह आरोप नहीं लगाए जा सकते।

इस दौरान बीजपी सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी भी की।टेप चलाने की अनुमति न मिलने के बाद राहुल  गांधी ने ऑडियो टेप के हवाले से केन्द्र सरकार को राफेल पर जमकर घेरा। उन्होंने कहा वायुसेना 126 फाइटर प्लेन चाहती थी तो सरकार ने महज 36 का ही सौदा क्यों किया?

HAL की जगह रिलायंस को राफेल सौदे का ऑफसीज़ पार्टनर चुनने पर राहुल बोले- सरकारी कंपनी HAL आजादी के बाद से भारतीय सेना के लिए जेट बना रहा है। मोदी सरकार ने सरकारी कंपनी की बजाय एक उस प्राइवेट कंपनी को चुना जो बस 10 दिन पहले बनाई गई और जिसने कभी कोई लड़ाकू  विमान नहीं बनाया।

राहुल ने कहा- फ्रांस के राष्ट्रपति ने भी बताया था कि पीएम मोदी ने ही उन्हें अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए कहा थाराहुल गांधी के आरोपों पर सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिए। जेटली ने कहा, ‘जिस ऑडियो टेप पर कांग्रेस हल्ला मचा रही है, वह फर्जी है।

जेटली बोले- कांग्रेस कहती है कि 500 करोड़ का विमान बीजेपी सरकार ने 1600 करोड़ में खरीदा। दरअसल, कांग्रेस को विमान और लड़ाकू विमान के बीच का अंतर ही नहीं पता।जेटली बोले- देश के कुछ परिवारों का देश की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। इन्होंने पब्लिक प्रॉपर्टी को प्राइवेट प्रॉपर्टी बना दिया था।

जेटली ने कहा- फ्रेंच कंपनी डसॉल्ट ने तय किया है कि उसका ऑफसेट पार्टनर कौन होगा। उन्होंने HAL की बजाय रिलायंसस को चुना। इसमें सरकार की कोई हाथ नहीं था।जेटली ने बताया कि HAL और डसॉल्ट की बातचीत पूरी नहीं हो पाई थी।

HAL को विमान बनाने के लिए ज्यादा समय की दरकार थी। हमें तुरंत लड़ाकू विमानों की आवश्यकता थी। यूपीए के 10 साल के दौरान हमारी क्षमता कम हुई, जब हम इसे बढ़ाने की कोशिश करने लगे तो कांग्रेस इसमें रुकावटें डालने लगी।

जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट राफेल सौदे की प्रक्रिया को पूरी तरह से उचित ठहरा चुका है। राहुल जो सवाल खड़े कर रहे हैं वे सब झूठ हैं।जेटली के संबोधन के दौरान विपक्षी नेता कागज के प्लेन बनाकर सदन में उड़ाते भी नजर आए।

अन्य दलों ने भी राफेल सौदे पर बहस के दौरान केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की। बीजू जनता दल के सांसद कलिकेश सिंह देव ने कहा- कतर ने बेहद ही कम दामों में राफेल विमानों को खरीदा। ऐसे में हमें अधिकार है कि हम केन्द्र सरकार से यह पूछे कि हमनें राफेल विमानों को इतनी अधिक कीमतों में क्यों खरीदा।

बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार को घेरा। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा- कैसा ऑफसेट कॉन्ट्रैक्टर था कि जिसकी कंपनी नहीं थी, सिर्फ कागजों पर कंपनी चल रही थी। जबकि HAL के पास सब था। हमारी सरकार अगर साफ है तो हम क्यों डरते हैं JPC से?

राफेल पर बहस के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने 26 AIADMK के सांसदों को भी सस्पेंड कर दिया। सांसदों द्वारा लगातार वेल में आकर बहस में हस्तक्षेप करने के चलते स्पीकर ने यह फैसला लिया।राफेल मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस नेताओं के बीच तीखी बहसों और हंगामे के चलते कई बार सदन को स्थगित भी किया गया।

ऑडियो टेप में कथित रूप से गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत पी. राणे, एक पत्रकार से बातचीत करते हुए कह रहे हैं कि गोवा सीएम और राफेल सौदे के दौरान केन्द्र की बीजेपी सरकार में रक्षामंत्री रहे मनोहर पर्रीकर ने एक कैबिनेट बैठक में दावा किया था कि उनके घर में राफेल डील के राज से जुड़ी सभी फाइलें मौजूद हैं।

कांग्रेस का कहना है कि राफेल सौदे में घोटाला हुआ है, और पीएम मोदी इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर को भी इस मामले की पूरी जानकारी है और वे सच जानते हैं।

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