बंगाल में कार्यकर्ताओं की हत्याओं के विरोध में भाजपा ने कोलकाता के लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय का घेराव किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। भाजपा का दावा है कि इस दौरान उसके कई कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं।
भाजपा के मुताबिक, मुकुल राय और पार्टी के प्रदेश महासचिव राजू बनर्जी भी घायल हुए हैं। बनर्जी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, रॉय अब ठीक हैं। ममता सरकार के खिलाफ हुए इस प्रदर्शन में भाजपा के सभी 18 सांसद भी मौजूद रहे।
पार्टी के मुताबिक, कार्यकर्ताओं ने जैसे ही लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय तक पहुंचने की कोशिश की, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।पुलिस के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा नारे लगाए गए और पुलिस अफसरों पर पत्थर और बोतलें फेंकी गईं।
वहीं, भाजपा का कहना है कि उसके किसी भी कार्यकर्ता ने पथराव नहीं किया।भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप समेत अन्य नेताओं ने हिंसा के विरोध में धरना प्रदर्शन भी किया। विजयवर्गीय ने कहा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में बढ़ते हुए भाजपा के जनाधार से मानसिक संतुलन खो बैठी हैं।
वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए हिंसा की राजनीति पर उतर आईं हैं। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो केंद्र सरकार को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या किया जाना चाहिए या नहीं?राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने गुरुवार को बैठक बुलाई है। इसमें पार्थो चटर्जी (तृणमूल), दिलीप घोष (भाजपा), एसके मिश्रा (सीपीआई) और एसएन मित्रा (कांग्रेस) मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि राज्य में फैली हिंसा में तृणमूल के 8 और भाजपा के 2 कार्यकर्ता मारे गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा बंगाल को गुजरात बनाने की कोशिश कर रही है। मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं लेकिन यह नहीं होने दूंगी।
ममता ने इसी दिन कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट और विद्यासागर कॉलेज में ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा का अनावरण भी किया था।उत्तर 24 परगना जिले में सोमवार को हुए विस्फोट में 2 लोगों की मौत हो गई। जबकि चार घायल हो गए।
उधर, भाजपा ने आरोप लगाया है कि जय श्री राम के नारे लगाने पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यकर्ता की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने फिलहाल हत्या के कारणों पर कुछ नहीं कहा।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था बंगाल में हिंसा की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है। वे बदले की भावना से लोगों को भड़का रही हैं। ममता अपने कार्यकर्ताओं से कह रही हैं कि जहां से उनकी पार्टी हार रही है, वहां भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जाए।
सारे गुंडे सत्ताधारी तृणमूल के पास ही हैं, उनके पास पिस्तौल और बम हैं। हमारे कार्यकर्ताओं के पास कोई हथियार नहीं है। बंगाल में ऐसे ही हिंसा होती रही तो केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। जरूरी हुआ तो बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।