एनएसई घोटाला को लेकर चित्रा रामकृष्णा की न्यायिक हिरासत 11 अप्रैल तक बढ़ी

सीबीआई की एक अदालत ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्णा की न्यायिक हिरासत की अवधि 11 अप्रैल तक बढ़ा दी। सीबीआई की अदालत में विशेष जज जस्टिस संजीव अग्रवाल ने चित्रा की हिरासत अवधि बढ़ाने के साथ ही सीबीआई को यह भी अनुमति दी कि वह डिजिटल सबूतों की जांच के लिए आरोपी की हैंडराइटिंग के नमूने ले सकती है।

चित्रा को इस माह की शुरुआत में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जबकि एनएसई के पूर्व समूह संचालक आनंद सुब्रमण्यम को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।सीबीआई 2018 से इस मामले की जांच कर रही है।चित्रा एक अप्रैल 2013 को एनएसई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक नियुक्त की गई थीं।

चित्रा ही आनंद और आनंद की पत्नी को एनएसई में लेकर आई थीं और दोनों के वेतन में बेतहाशा बढ़ोतरी की थी।एनएसई की गोपनीय जानकारियां साझा करने के आरोप में सेबी ने चित्रा पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी के मुताबिक, चित्रा जिस योगी के साथ गोपनीय जानकारियां साझा करने का दावा कर रही हैं, वह आनंद नहीं है।

सेबी का मानना है कि आनंद खुद ही एनएसई में शीर्ष पद पर था और इसी कारण गोपनीय जानकारियां उसकी भी पहुंच में थीं तो फिर चित्रा उससे क्यों जानकारियां साझा करतीं।सेबी के विपरीत फॉरेंसिक ऑडिट करने वाली कंपनियां आनंद को ही रहस्यमयी योगी करार दे रही हैं। सीबीआई इस योगी की पहचान करने में जुटी है।आनंद ने अक्टूबर 2016 में एनएसई छोड़ दिया था, जबकि चित्रा ने दिसंबर 2016 में इस्तीफा दिया था।

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