चीन ने डोकलाम इलाके में हेलीपैड और संतरी पोस्ट बनाकर अपनी मर्जी चलाई

भारत सरकार ने माना है कि चीन ने इस जगह पर हेलिपैड, संतरी पोस्ट और सीमा पर नजर रखने के लिए खंदक बना ली हैं। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि इस जगह पर दोनों सेनाओं के जवानों की तादाद बेहद कम है। बता दें कि डोकलाम पर दोनों देशों के बीच पिछले साल 73 दिन तक तनाव बना रहा था।

बाद में दोनों देशों के बीच आर्मी वापस बुलाने पर सहमति बन गई थी।निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया- सर्दियों में भी ये सैनिक बने रहें, इसके लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने संतरी चौकियों, खंदकों और हेलिपैड समेत कुछ बुनियादी निर्माण किया है।

बॉर्डर से जुड़े मुद्दों पर डिप्लोमेटिक चैनल्स, बॉर्डर पर्सनल मीटिंग्स, फ्लैग मीटिंग्स के जरिए चीन से लगातार बात हो रही है।न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन नॉर्थ डोकलाम में अपने जवानों की तादाद बढ़ा रहा है। इसके अलावा विवादित इलाके में कई तरह के निर्माण भी कर रहा है।

बता दें कि पिछले हफ्ते रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा था कि भारत-चीन बॉर्डर पर हालात संवेदनशील हैं। बॉर्डर पर फिर से तनाव बढ़ सकता है।लोकसभा में पेंटागन रिपोर्ट का हवाला देकर सीतामरण से पाकिस्तान में चीन के मिलिट्री बेस बनाए जाने को लेकर सवाल किया गया। इस पर सीतारमण ने कहा सरकार देश की सुरक्षा से जुड़े हर डेवलपमेंट पर नजर बनाए है।

जहां कहीं भी कोई खतरा दिखाई देता है, उसके लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं।सीतारमण ने कहा भारत चीन की खुद को मरीटाइम पावर (मरीन क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली) बनने की मंशा को अच्छे से जानता है। चीन इसी योजना के तहत इंडियन ओशन के किनारे स्थित देशों में पोर्ट बनाने समेत दूसरे काम भी कर रहा है।

इसमें भारत की मरीटाइम बाउंड्री के पास के हिस्से भी शामिल हैं।रक्षा मंत्री ने कहा चीन और भारत कई मौकों पर दाेहरा चुके हैं कि दूसरे देशों की वजह से आपस के रिश्तों को प्रभावित नहीं होने देंगे।डोकलाम में विवाद 16 जून 2017 को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने वहां चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था।

हालांकि चीन का दावा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा था।इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है। इसका 220 किलोमीटर हिस्सा सिक्किम में आता है।

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