पीएनबी घोटाले की जांच एसआईटी से करवाने का केंद्र ने किया विरोध

पीएनबी में 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच एसआईटी से करवाने की मांग का केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया। केंद्र ने कहा कि सीबीआई और दूसरी एजेंसियां जांच कर रही हैं। कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। किसी और जांच की जरूरत नहीं है। इस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने केंद्र को नोटिस जारी करने या अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।

सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पिटीशन का विरोध किया।पिटीशनर के वकील विनीत ढांडा ने कहा कि नोटिस से पहले केंद्र की बात कैसे सुन सकते हैं?जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा लगता है कि यह पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नहीं, पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है। आजकल खबर आते ही कतरनें लेकर जनहित के नाम पर पिटीशन दायर करने का फैशन हो गया है।

ढांडा ने कहा कि मामला लोगों की भावनाओं से जुड़ा है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट भावनाओं पर नहीं, कानूनी पहलुओं पर सुनवाई करता है। अदालत न भाषण से प्रभावित होती है और न ही भावना में बहकर कोई आदेश देती है।वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पहले सरकार को जांच का समय देना चाहिए। जब लगेगा कि सरकार कुछ नहीं कर रही, तभी कोर्ट दखल देगा। अगली सुनवाई पर अटॉर्नी जनरल विस्तार से बताएंगे कि पिटीशंस का विरोध क्यों कर रहे हैं।

सीबीआई ने मंगलवार देर रात पंजाब नेशनल बैंक के एक जनरल मैनेजर (जीएम) को भी गिरफ्तार कर लिया।राजेश जिंदल नाम का यह अधिकारी अगस्त 2009 से मई 2011 तक बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच का प्रभारी था। उसके कार्यकाल में ही इस ब्रांच से घोटाला शुरू हुआ। वह अभी पीएनबी के दिल्ली स्थित हेड ऑफिस में जीएम क्रेडिट तैनात था।

सीबीआई अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से छह नीरव-चाैकसी की कंपनियों से जुड़े हैं और छह पीएनबी से।पीएनबी से धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने बुधवार को लगातार सातवें दिन भी छापे मारे । मुंबई में चार फर्जी कंपनियों समेत 17 जगह दबिश दी गई।

एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब तक नीरव और मेहुल की कंपनियों से जुड़ी 5,726 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी जब्त कर चुके हैं। गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी से जुड़ी 79 और नीरव मोदी से जुड़ी 41 कंपनियों की भी ईडी जांच कर रहा है। इनमें से कई के फर्जी होने की आशंका है।

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