अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू होते ही पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर पर लगे आरोपों के जवाब में कहा कि तोमर ने उन्हें इस मसले पर अंधेरे में रखा.भाजपा विधायकों ने तोमर मामले पर बवाल काटा जिसके बाद केजरीवाल ने सदन में इस मामले पर अपना पक्ष रखा. केजरीवाल ने कहा कि कोई मंत्री उनका रिश्तेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि मसला प्रकाश में आते ही उन्होंने तोमर से लिखित जवाब मांगा.तोमर ने लिखित जवाब भी दिया तथा उसके साथ कुछ कागजात भी पेश किए जिससे प्रथम दृष्टया ऐसा लगा कि वे ठीक कह रहे हैं. हालांकि जिस प्रकार तोमर की गिरफ्तारी की गई उसे लेकर भी कई सवाल उठे हैं.
केजरीवाल ने कहा कि तोमर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर पूरे मसले पर अब मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही है उससे लगता है कि उन्होने मुझे अंधेरे में रखा, लेकिन उनकी संलिप्तता पाए जाने के बाद उनसे इस्तीफा ले लिया गया. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी मंत्री से कोई रिश्तेदारी जैसी बात नहीं है.गलती करने पर उन पर कार्रवाई की जाएगी. केजरीवाल ने कहा कि वे राजनीति में पारदर्शिता चाहते हैं. तोमर की संलिप्तता पाए जाते ही उनसे इस्तीफा लिया गया. इसी क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि उन्हें भी आईपीएल के अधिकारी ललित मोदी को मदद करने के मसले पर सुषमा स्वराज तथा वसुन्धरा राजे का इस्तीफा मांगना चाहिए.