राजस्थान में 15वीं विधानसभा के छठे सत्र की लंबे अंतराल बाद फिर से बैठक होने जा रही है. 173 दिन बाद हो रहा यह सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस साल 19 मार्च को सदन में बैठक स्थगित की गई थी लेकिन सत्र का सत्रावसान नहीं किया गया था.
एक ओर विपक्ष की ओर से सत्र में सत्ता पक्ष को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी है लेकिन इसके साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की ओर से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र पर भाजपा विधायक दल की बैठक में लेटर बम की गूंज सुनाई देने वाली है.
इस सत्र के दौरान सरकार आधा दर्जन से ज्यादा सरकार बिल पारित करवाना चाहती है. वहीं, सदन में आगामी दिनों के कामकाज को लेकर गुरुवार को कार्य सलाहकार समिति की भी बैठक होगी.गुरुवार सुबह 11 बजे से 15वीं विधानसभा के छठे सत्र की बैठक होने जा रही है.बैठक के पहले दिन विधानसभा सचिव की ओर से इसी सत्र के पहले चरण में पारित विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है.
इसकी जानकारी सदन में दी जाएगी और सदन में पहले ही दिन चार संशोधन विधेयक भी रखे जाएंगे, जिसमें राजस्थान पर्यटन व्यवसाय संशोधन विधेयक, राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, राजस्थान विधियां संशोधन विधेयक और राजस्थान राज्य पथ परिवहन सेवा संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे.
इसके साथ ही सदन में पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया समेत दिवंगत हुए देश-प्रदेश के 25 जनप्रतिनिधियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इस बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद कार्य सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें सदन में आगामी दिनों में होने वाले कामकाज तय होंगे.
सदन की बैठक तीन से पांच दिन की ही रहने वाली है, जिसमें प्रश्नकाल और शून्यकाल होगा. लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के 25 ऐसे विधायक भी हैं, जो कि इस सत्र के दौरान सवाल नहीं लगा सकेंगे. इसके अलावा विपक्ष प्रदेश की कानून व्यवस्था, किसान कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता, बिजली निगमों मे घाटे और समय पर कोयले के प्रबन्ध नहीं करने जैसे मामलों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहने वाला है.
इससे पहले सुबह 10 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक भी होगी, जिसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की ओर से लिखे लेटर बम पर चर्चा हो सकती है. सदन के अन्दर भाजपा की क्या रणनीति बनेगी इस पर भी चर्चा होगी. इन सब पहलुओं को देखते हुए विधानसभा का यह सत्र कई मायनों में रोचक रहने वाला है.