अपोलो अस्पताल में किडनी रैकेट का भंडाफोड़ होने के चार दिन बाद मंगलवार को मुख्य सरगना टी. राजकुमार राव और तीन अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि मामले के सिलसिले में 10 डॉक्टरों से पूछताछ की जा सकती है। 40 वर्षीय राव को नेपाल, श्रीलंका और इंडोनेशिया में इसी तरह के गिरोहों से जुड़ा माना जाता है। उसे आज पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया। उसे वहां एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जाएगा।
जालंधर, कोयंबटूर और हैदराबाद में इसी तरह के गिरोह चलाने के लिए जांच के घेरे में आये राव की पहचान रैकेट में बिचौलिये से पूछताछ के साथ हुई और उसकी तलाश में कई राज्यों में पुलिस दल भेजे गये।अधिकारी ने कहा कि अपोलो अस्पताल में प्रतिरोपण सर्जरी के लिए आंतरिक आकलन समिति में सभी दस डॉक्टरों से पूछताछ की जाएगी। समिति में अस्पताल में काम करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर, स्वतंत्र डॉक्टर और एक सरकारी डॉक्टर शामिल हैं।
इससे पहले आज दिन में पुलिस ने एक विवाहित जोड़े को गिरफ्तार किया और एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया। सभी की पहचान रैकेट से जुड़े किडनी डोनरों के तौर पर की गयी है। तीनों की पहचान कानपुर के रहने वाले पति-पत्नी उमेश और नीलू और पिछले हफ्ते गिरफ्तार पांच आरोपियों में से एक की पत्नी ममता उर्फ मौमिता के तौर पर की गयी है।
पूछताछ के दौरान उमेश और नीलू ने पुलिस से कहा कि उन्होंने क्रमश: चार लाख और तीन लाख रपये में अपनी किडनी बेची क्योंकि उन्हें अपने नाबालिग बेटे के पैर की सर्जरी के लिए पैसे की तत्काल जरूरत थी। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि जब उन्हें अपनी किडनी बेचे जाने की वास्तविक कीमत पता चली तो उन्होंने खुद को ठगा महसूस किया। तीसरी आरोपी ममता ने दरअसल पुलिस को किडनी रैकेट तक पहुंचाया।
जिस दिन भंडाफोड़ हुआ था, उस दिन ममता को अपने पति देवाशीष मौलिक के साथ तीखी नोंकझोंक करते देखा गया था और जब पुलिस मामले में फोन आने के बाद पहुंची तो सुनकर पुलिस हक्की बक्की रह गयी। ममता ने देवाशीष पर अपनी किडनी बेचे जाने के बाद मिली राशि को लेकर ठगे जाने का आरोप लगाया।