करीब चार महीने बाद पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम, LPG सिलेंडर भी हुआ महंगा

करीब चार महीने बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी की गई है। यही नहीं रसोई गैस के सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है।पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि घरेलू रसोई गैस के दाम में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस तरह, चुनावी गतिविधियों के कारण दरों में संशोधन पर साढ़े चार महीने से जारी रोक खत्म हो गई।

पेट्रोल की कीमत अब 96.21 रुपये प्रति लीटर होगी, जो पहले 95.41 रुपये थी, जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 87.47 रुपये हो गई है।इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर 949.50 रुपये कर दी गई है।वहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार नवंबर से स्थिर थीं।

एलपीजी की कीमत जुलाई और अक्टूबर 2021 के बीच प्रति सिलेंडर 100 रुपये के करीब बढ़ गई थीं। हालांकि, कच्चे माल की बढ़ती लागत के बावजूद एलपीजी और ऑटो ईंधन, दोनों की कीमतें तब से स्थिर थीं।महामारी के कारण आई मंदी और फिर रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण कच्चे माल की लागत बढ़ती गई इसके बावजूद एलपीजी और वाहन ईंधन दोनों की कीमतें तब से स्थिर थीं।

गैर-सब्सिडी वाली रसोई गैस वह है जिसे उपभोक्ता सब्सिडी वाले या बाजार से कम दरों पर 12 सिलेंडरों का अपना कोटा खत्म हो जाने के बाद खरीदते हैं।हालांकि सरकार ज्यादातर शहरों में एलपीजी पर कोई सब्सिडी नहीं देती है और बहुचर्चित उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाली गरीब महिलाओं समेत सामान्य उपभोक्ताओं को मिलने वाले रिफिल सिलेंडर की कीमत बिना सब्सिडी वाले या बाजार मूल्य पर मिलने वाले एलपीजी के समान है।

सूत्रों ने कहा कि पांच किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 349 रुपये होगी जबकि 10 किलोग्राम के मिश्रित सिलेंडर की कीमत 669 रुपये होगी। 19 किलो के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत अब 2003.50 रुपये है।जून 2017 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बीते 15 दिन की अंतरराष्ट्रीय दर के अनुरूप दैनिक रूप से समायोजित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी जिसके बाद चार नवंबर, 2021 से ईंधन की दरें नहीं बढ़ी हैं। इसके बाद अधिकांश राज्य सरकारों ने भी स्थानीय बिक्री कर या वैट कम किया।

इससे पहले पेट्रोल की कीमत 110.04 रुपये प्रति लीटर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर हो गया था।ये दरें तब थीं जब 26 अक्टूबर 2021 को कच्चा तेल 86.40 प्रति बैरल था। पांच नवंबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 82.74 डॉलर प्रति बैरल थे जिसके बाद इनमें गिरावट आने लगी और यह दिसंबर में 68.87 डॉलर प्रति बैरल हो गए।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ रहे हैं। हालांकि, पश्चिमी देशों ने अब तक ऊर्जा व्यापार को प्रतिबंधों से बाहर रखा है, लेकिन रूसी तेल और उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में फिर से इजाफा हो सकता है।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *