मंत्री संदीप कुमार का बचाव के लिए आलोचना के शिकार होने वाले आप नेता आशुतोष ने कहा कि उनके खिलाफ पुलिस में दर्ज किया गया मामला उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है.आप नेता आशुतोष ने मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा कि वह गिद्ध की तरह झपट रहा है और प्रायोजित पत्रकारिता कर रहा है.
एक के बाद एक किये गये ट्वीट में आशुतोष ने कहा है ऐसा माहौल बनाया गया है जहां पर इतिहास का आलोचनात्मक विश्लेषण नहीं किया जा सकता. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल दिया जाएगा. असहमति की आवाज को दबायी जा रही है. मेरे खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किया गया मामला संविधान प्रदत्त मेरी मौलिक अधिकार अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा यहां तक कि सच्चाई तलाशने में मीडिया की भी कोई दिलचस्पी नहीं है. वह गिद्ध की तरह झपट रहा है और प्रायोजित पत्रकारिता कर रहा है.एक वेबसाइट के लिए लिखे अपने एक ब्लॉग में आशुतोष ने कहा था इस वीडियो में एक महिला और पुरूष के एक यौन कृत्य में शामिल होने का चित्र है. यह वीडियो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को जानते हैं और सार्वजनिक जगह से दूर एक निजी क्षण में सहमति से सेक्स कर रहे हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दो वयस्क लोग सहमति से एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं तो क्या यह एक अपराध है?वीडियो में आपत्तिजनक स्थिति में नजर आने वाली महिला द्वारा शिकायत किये जाने के बाद संदीप कुमार को शनिवार रात में गिरफ्तार कर लिया गया. महिला ने शिकायत की थी कि एक साल पहले उसे मादक पदार्थ खिलाकर उसके साथ बलात्कार किया गया था.
आशुतोष के इस ब्लॉग के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता को समन जारी किया था.एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा था हमने उन्हें आठ सितंबर को हाजिर होने को कहा है. हमें लगता है कि आशुतोष ने जो ब्लॉग लिखा है वह बहुत ही निंदनीय और अपमानित करने वाला है जिसमें उन्होंने बलात्कार के एक आरोपी का बचाव किया है.