गुजरात एटीएस ने सूरत में IS के 2 एजेंट किये गिरफ्तार

गुजरात एटीएस ने आईएस के दो सस्पेक्टेड आतंकियों को अरेस्ट किया है। ये गुजरात चुनाव के दौरान अहमदाबाद के खडिया इलाके में एक यहूदी धर्मस्थल पर ब्लास्ट करने की तैयारी में थे। बताया जा रहा है कि यह हमला 7 जुलाई को लंदन में ब्लास्ट करवाने में अहम किरदार निभाने वाले अब्दुल फैजल के इशारे पर किया जाना था। गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के मुताबिक, दोनों आतंकियों के नाम मोहम्मद कासिम टिम्बरवाला और उबेद मिर्जा हैं। 

ये इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से जुड़े हैं। गिरफ्तारी के बाद एटीएस इन्हें अहमदाबाद लेकर गई है।अहदाबाद में यहूदी धर्मस्थल पर किए जाने वाले हमले को उन्होंने लॉन वुल्फ कोड नाम दिया था।हमले के बाद दोनों जमैका भाग जाते जहां इन्हें बसाने की तैयारी अब्दुल फैजल ने कर ली थी।

अफसरों के मुताबिक, हमले के लिए फैजल ने दोनों आतंकियों को बांग्लादेश में ट्रेनिंग दिलाई थी। एटीएस इन पर 2013 से नजर रखे थी। एटीएस दोनों के फेसबुक व वॉट्सऐप अपडेट देख रही थी। जब अहमदाबाद में हमले का प्लान पता चला तो एटीएस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।दोनों आतंकियों के पास से दो लैपटॉप, मोबाइल, पेनड्राइव में यहूदियों और हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण के टेप मिले हैं।

एटीएस के मुताबिक फैजल जमैका का ही रहने वाला है। उसने लंदन की एक लड़की से शादी की है। उस पर विदेश में हिंदूओं, यहूदियों और अमेरिकियों की हत्या और आतंकी हमले करवाने का आरोप है। वह मुस्लिम युवकों को जिहाद के लिए ब्रेनवॉश करता है। फैजल ने सूरत के दोनों युवकों से 2013 में कॉन्टैक्ट किया था। इसके बाद उसने दोनों को भारत में हमला करने के लिए बांग्लादेश में ट्रेनिंग के लिए भेजा।

फिर हमले के लिए तैयारी शुरू कर दी। कासिम ने दिल्ली से रिवाल्वर भी खरीदी थी। दोनों आतंकियों ने फैजल के इशारे पर अहमदाबाद के खाडिया में स्थित यहूदियों के धर्मस्थल की रैकी भी की थी।एटीएस के मुताबिक, दोनों आतंकी फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं को जोड़ रहे थे। कुछ लोगों को विदेश भेजने की कोशिश भी इन्होंने की थी।

एटीएस ने फोन टेप किए तो पता चला कि दोनों रोहिंग्या मुसलमानों पर किए जा रहे कथित जुल्मों को लेकर बदले की बात करते थे।8 जुलाई 2016: जब तक कश्मीरी एक नहीं होंगे, एकता मुमकिन नहीं।11 जुलाई 2016: भारतीय काफिर सुरक्षाबलों ने 25 मुसलमानों को मार डाला।सितंबर 2014 में आईएसआईएस ने बगदादी का टेप जारी किया था। टेप में अमेरिका व उसके मददगारों पर लॉन वुल्फ हमले का एलान किया था।

एटीएस के मुताबिक, सूरत के अंकलेश्वर में रहने वाला कासिम सरदार पटेल हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन के रूप में काम करता था। लेकिन अहमदाबाद में आतंकी हमले के लिए उसने हाल ही में नौकरी छोड़ दी थी।उसने जमैका भागने के इरादे से वीजा एप्लाई भी कर दिया था। उसने वहां के एक हॉस्पिटल में जॉब के लिए भी बात की थी।

दूसरी तरफ, सूरत सैयदपुरा पारसीवाड में रहने वाला उबेद मिर्जा वेसू स्थित वीआइपी रोड पर दावत रेस्टोरेंट चलाता था और सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था।उबेद ने भी चार महिने पहले रेस्टोरेंट बंद कर दिया था और अपना मकान भी खाली कर दूसरी जगह रहने लगा था। वह भी जमैका जाने की की तैयारी में जुट गया था।

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