13 अपोजिशन पार्टियों के नेताओं के साथ सोनिया गांधी ने मीटिंग की। इसका एजेंडा एनडीए सरकार की जन-विरोधी नीतियां बताया गया। मीटिंग में बुलाया तो 18 पार्टियों को था। गुलाम नबी आजाद ने इनविटेशन भी भेजा था। लेकिन, आईं सिर्फ 13 पार्टियां। शरद पवार की एनसीपी ने इसका बायकॉट किया। जेडीयू के बागी शरद यादव की जगह अली अनवर शामिल हुए।
बाद में पार्टी ने उन्हें संसदीय दल से ही हटा दिया।पहले कहा जा रहा था कि मायावती और अखिलेश यादव के साथ ही शरद पवार भी मीटिंग में शामिल होंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। मायावती और अखिलेश मीटिंग में नहीं आए। हालांकि, उनके नुमाइंदे जरूर पहुंचे।शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने तो मीटिंग का बायकॉट ही कर दिया।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गुजरात के राज्यसभा इलेक्शन के दौरान कांग्रेस के रवैये से वो खफा है।सीपीआई, सीपीआई (एम), टीएमसी, आरजेडी, डीएमके, सपा, केरल कांग्रेस, बीएसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेडीएस, जेडीयू (अली अनवर), आरएलडी और एआईयूडीएफ।सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, ममता बनर्जी, सतीश चंद्र मिश्रा, उमर अबदुल्ला, अजीत सिंह, नरेश अग्रवाल, डी. राजा, सीताराम येचुरी, तिरूची शिवा, अली अनवर, जेपी यादव, दानिश अली और बदरुद्दीन अजमल।
नीतीश कुमार अपोजिशन पार्टियों के लिए सबसे अहम चेहरा थे। लेकिन, वो अब बीजेपी और एनडीए के साथ हो चुके हैं। लिहाजा, वो इस मीटिंग में शामिल नहीं हैं।शरद यादव के बागी तेवरों के बावजूद जेडीयू ने अब तक उन पर कोई खुला फैसला नहीं लिया। शरद गुरुवार से पटना में हैं। वो तीन दिन यहां रहेंगे। इसलिए वो मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।
ममता बनर्जी गुरुवार को दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने यहां प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। बातचीत के बाद इसे नए प्रेसिडेंट से कर्टसी कॉल कहा।ममता ने साफ किया कि वो शुक्रवार को होने वाली ऑल अपोजिशन पार्टी मीटिंग में हिस्सा लेंगी। पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी चीफ ममता पहले ही साफ कर चुकी हैं कि एनडीए और बीजेपी को हराने के लिए सभी अपोजिशन पार्टियों का साथ आना जरूरी है।