12वें दक्षिण एशियाई खेलों का शुभारंभ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम पर 12 दिवसीय इन खेलों के आगाज का ऐलान किया. गुवाहाटी और शिलांग में हो रहे इन खेलों में भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के 2600 खिलाड़ी भाग लेंगे .
मोदी ने खचाखच भरे स्टेडियम में कहा ”मैं 12वें दक्षिण एशियाई खेलों के उद्घाटन का ऐलान करता हूं.” इस मौके पर असम और मेघालय के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और आईओए अध्यक्ष एन रामचंद्रन मौजूद थे. कई कारणों से बार-बार टले ये खेल चार साल के विलंब के बाद दक्षिण एशियाई ओलंपिक परिषद के तत्वावधान में हो रहे हैं.
इन खेलों में 23 विधाओं की 228 स्पर्धायें होंगी. सभी में पहली बार पुरूष और महिला वर्ग के मुकाबले होंगे . इस बार 228 स्वर्ण, 228 रजत और 308 कांस्य दाव पर लगे होंगे . भारत का 521 सदस्यीय दल इनमें भाग ले रहा है जिनमें 245 महिलायें हैं . समारोह का उद्घाटन खेलों के शुभंकर ‘तिखोर’ की अगुवाई में खिलाड़ियों के मार्चपास्ट के साथ हुआ.
अफगानिस्तान मार्चपास्ट में सबसे आगे था जबकि भारत आखिर में आया. हर दल के साथ दो बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) थे जो अपने देश की नदी का पानी हाथ में लिये थे. काबुल (अफगानिस्तान), सिंधु (पाकिस्तान), भारतीय महासागर (मालदीव चूंकि वहां नदी नहीं है), महावेली (श्रीलंका), पद्मा (बांग्लादेश), कोसी (नेपाल), मानस (भूटान) और ब्रहमपुत्र (भारत) के पानी को दक्षिण एशिया की एकजुटता के प्रतीकस्वरूप बाद में मिला दिया गया.
इसे ब्रहमपुत्र में विसर्जित किया जायेगा. भारतीय दल के ध्वजवाहक स्क्वाश खिलाड़ी सौरव घोषाल थे. पाकिस्तान और नेपाल के दल का दर्शकों ने जबर्दस्त स्वागत किया. घोषाल ने खिलाड़ियों की ओर से खेलभावना के साथ खेलने की शपथ ली. खेल वर्ग में खेलों के ध्वज की डिजिटल लाइटिंग आकषर्ण का केंद्र थी.
भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया खेलों की मशाल को गगन नारंग, मोनालिसा बरूआ, भोगेर बरूआ, रानी रामपाल, कृष्णा पूनिया और अंजू बाबी जार्ज से लेकर आये . डिजिटल लाइटिंग के बाद आतिशबाजी की गई . उद्घाटन समारोह दो घंटे 45 मिनट तक चला.