निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले मौलाना साद का पता चल गया है.पुलिस सूत्रों के मुताबिक मौलाना साद जाकिर नगर वाले अपने घर में क्वारंटीन है.
मौलाना साद ने ही विरोध के बावजूद उस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. नतीजतन देश में अचानक कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला.
आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में कोरोना के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें तकरीबन 30 प्रतिशत लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं. उस कार्यक्रम में शामिल होने वाले कई लोगों की मौत हो गई है.
हजारों लोगों को क्वारंटाइन करना पड़ा है. यह भी पता चला है कि कई विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर यहां आते थे और जमात के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे.
ऐसे सैकड़ों विदेशी लोगों को ब्लैकलिस्ट कर उनके वीजा को रद्द कर दिया गया है.देश में अब तक 1445 कोरोना संक्रमित मरीज तबलीगी जमात के पाए गए हैं.
पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 20 नए कोरोना के केस आए हैं. इन 20 में से 10 मरकज के हैं. मौलाना साद पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. साद के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 26 सवालों की लिस्ट तैयार करके मौलाना साद के घर पर भेजी है. इसमें जानकारी मांगी गई है कि किस तरह इस मरकज में लोग आ रहे थे.
जनवरी से लेकर अब तक कितने लोग आए हैं. किस तरह से मरकज का आयोजन होता था?इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए कई मुस्लिम नेताओं ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम को निरस्त करने की सलाह दी थी.
सूत्रों का कहना है कि कई इस्लामिक स्कॉलर और धर्मगुरुओं ने भी मौलाना साद से कार्यक्रम को टाल देने का आग्रह किया था.
इस पूरे कार्यक्रम को लेकर तबलीगी जमात दो गुटों में बंटा हुआ था, एक गुट ने इस कार्यक्रम को टाल दिया था. लेकिन मौलाना साद अपनी जिद पर अड़ा रहा और निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक कार्यक्रम किया.