रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ने से अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का हुआ निधन

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रमुख विशेषज्ञों में से एक अभिजीत सेन का निधन हो गया।वह 72 वर्ष के थे। सेन के भाई डॉ. प्रणब सेन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा अभिजीत सेन को रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा। हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था।सेन का करियर चार दशक से अधिक लंबा रहा।

वह कैम्ब्रिज के ऑक्सफोर्ड में तथा नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अर्थशास्त्र पढ़ा चुके हैं। कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं, जिसमें कृषि लागत और मूल्य आयोग का अध्यक्ष पद भी शामिल है।पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान सेन 2004 से 2014 तक योजना आयोग के सदस्य रहे।

सेन को 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने पर, उसने सेन को दीर्घकालिक अनाज नीति बनाने के वास्ते एक उच्च स्तरीय कार्यबल के प्रमुख का पद सौंपा। सेन गेंहू और चावल के लिए सार्वभौमिक जन वितरण प्रणाली के घोर समर्थक थे।

उनका तर्क था कि खाद्य पदार्थों पर दी जाने वाली रियायतों से राजकोष पर पड़ने वाले बोझ को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है, जबकि देश के पास न सिर्फ सार्वभौमिक जन वितरण प्रणाली को सहयोग देने के लिए बल्कि किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य की गारंटी देने के लिए भी पर्याप्त वित्तीय संभावनाएं हैं।

सेन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), एशियाई विकास बैंक, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन, कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष और ओईसीडी विकास केंद्र जैसे अनेक वैश्विक अनुसंधान एवं बहुपक्षीय संगठनों से भी जुड़े रहे।

उनके भाई प्रणब सेन ने बताया कि अभिजीत सेन पिछले कुछ वर्षों से श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे, जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान और बढ़ गई. उनके परिवार में पत्नी जयती घोष और बेटी जाह्नवी है। सेन की पत्नी भी जानी मानी अर्थशास्त्री हैं।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *