डायमंड लीग फाइनल का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा

भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने प्रतिष्ठित डायमंड लीग फाइनल्स का खिताब जीतकर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। चोपड़ा यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं।चोपड़ा ने फाउल से शुरुआत की लेकिन अपने दूसरे प्रयास में 88.44 मीटर भाला फेंक कर वह शीर्ष पर पहुंच गए। यह उनके करियर का चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जो आखिर में उन्हें स्वर्ण पदक दिला गया।

उन्होंने अपने अगले चार प्रयास में 88.00 मीटर, 86.11 मीटर, 87.00 मीटर और 83.60 मीटर भाला फेंका।चेक गणराज्य के ओलंपिक रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज 86.94 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इसे उन्होंने अपने चौथे प्रयास में हासिल किया। जर्मनी के जूलियन वेबर 83.73 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

नीरज ने बाद में कहा आज वाडलेज के साथ प्रतिस्पर्धा बहुत अच्छी रही। उसने भी अच्छे थ्रो किए। मुझे आज 90 मीटर तक भाला फेंकने की उम्मीद थी लेकिन मैं खुश हूं कि मेरे पास अब डायमंड ट्रॉफी है और यह सबसे महत्वपूर्ण है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से मेरे साथ मेरा परिवार भी है।

उन्होंने कहा यह पहला अवसर है जबकि वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में आए हैं। वह मेरे साथ इसलिए आए हैं क्योंकि यह मेरी अंतिम प्रतियोगिता है और इसके बाद हम पेरिस में छुट्टियां मनाने चले जाएंगे।नीरज ने कहा इयुगेन में मैं चोटिल हो गया था और मुझे दो तीन सप्ताह आराम की जरूरत है। इसके बाद मैं रिहैब करूंगा और अगले साल की तैयारियों में जुट जाऊंगा।

भारत का यह 24 वर्षीय खिलाड़ी अब ओलंपिक चैंपियन, विश्व चैंपियनशिप का रजत पदक विजेता और डायमंड लीग चैंपियन है। यह सब उपलब्धियां उन्होंने केवल 13 महीनों के अंदर हासिल की हैं। उन्होंने पिछले साल सात अगस्त को तोक्यो में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था।
चोपड़ा ने इस सत्र में छह बार 88 मीटर से अधिक दूर तक भाला फेंका जिससे उनकी निरंतरता का पता चलता है।

उनके नाम पर 89.94 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज है जो उन्होंने इसी सत्र में हासिल किया था।चोपड़ा ने अपने सत्र का समापन भी इतिहास रच कर किया। डायमंड लीग फाइनल्स को ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप से इतर सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता माना जाता है।चोपड़ा ने तीसरी बार डायमंड लीग फाइनल्स में भाग लिया।

इससे पहले वह 2017 और 2018 में क्रमश: सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे।चोपड़ा को इस जीत पर डायमंड ट्रॉफी, 30,000 डॉलर की पुरस्कार राशि और हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 के लिए वाइल्ड कार्ड मिला। वह हालांकि विश्व चैंपियनशिप के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुके थे।

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