संता शराब पीकर अपने घर जा रहा था. रास्ते में वह एक साधु से टकरा गया. साधु ने गुस्सा होकर उससे कहा, अरे मूर्ख! मैं तूझे श्राप देता हूं. संता ने खुश होते हुए कहा, रूकिए महाराज, मैं गिलास लेकर आता हूं.