रामू: साहब जी , आपको मुझ पर बिलकुल भरोसा नहीं है ! मालिक: अरे भरोसा क्यों नहीं है , सारी चाबिया तुझे ही तो दे रखी है ! रामू: पर साहब जी , इसमें से तो एक भी चाबी तिजोरी में नहीं लग रही !