अपने हरयाणे आले तो तोते बी जुल्मी होवे सै।
दिल्ली आला आदमी अपने हरयाणे में आ रहा था एक मेले में घुमण।
उड़े उसने एक तोता पसंद आ जा से तो वो दुकान आले ते बुझे से, “अक इसमें के खासियत से?”
दुकानदार उस तोते की एक टाँग खीच दे सै तो तोता बोल्या, “गुड मॉर्निंग।”
भाई वो आदमी उस तोते ने घणा ऐ राजी होके खरीद लेजा से अपने घरा।
आगले दिन तड़के ऐ तड़क वो आदमी तोते की एक टाँग खीच दे सै तो तोता बोल्या, “गुड मॉर्निंग।”
इब उस आदमी ने सोची अक इसकी दूसरी टाँग और खीच दू तो यो और भी बढ़िया बोलेगा, जुकर हैव ए नाईस डे।
उसने तोते की दूसरी टाँग भी खीच दी तो तोता बोल्या, “मेरी सासु के गेरे गा के”