समस्याओं में आज अवसाद की दिक्कत सबसे आम है। अपने फास्ट ट्रैक रुटीन में आप तनाव से इतने घिरे रहते हैं कि कब आपका तनाव अवसाद में बदल जाता है पता ही नहीं चल पाता। कुछ ऐसे आसन हैं जो अवसाद को खुद से कोसों दूर रखने में आपकी मदद करेंगे।
मत्स्यासन
मत्स्यासन की मदद से आप तुरंत तनाव से छुटकारा पाएंगे और तरोताजा महसूस करेंगे। इस आसन से शरीर को थकावट नहीं होती और रक्त संचार अच्छा रहता है। इस आसन के लिए पहले पद्मासन की अवस्था में बैठें। फिर दोनों कोहनियों की सहायता से पीठ के बल लेटने का प्रयास करें। पीठ और छाती ऊपर उठाएं और घुटने जमीन पर टिकाने का प्रयास करें। अब हाथो से पैर के अंगूठे को पकड़कर कोहनी को भूमि पर टिकाएं। श्वास अंदर लें। आसन छोड़ते समय जिस तरह से शुरू किया था उसी स्थिति में वापस आएं या कंधे व सिर को भूमि पर टिकाते हुए पैरों को सीधा कर शवासन में लेट जाएं।
पर्वतासन
इससे मन को स्थिर रखने व स्ट्रेस से निजात पाने में आसानी होती है। पर्वतासन के लिए सुखासन में बैठ जाएं।.दोनों हाथों को नमस्ते के आकार में जोड़ते हुए ऊपर की ओर ले जाएं। गहरी सांस लेते हुए कंधे, बाजू और पीठ की मांसपेशियों में एक साथ खिंचाव महसूस करें। इस स्थिति में एक से दो मिनट तक रहें। सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं। प्रतिदिन 10 से 15 बार ये आसन करें।
ब्रह्म मुद्रा आसन
इस आसन से रीढ़ की हड्डी व गर्दन का तनाव कम होता है और मस्तिष्क में रक्त संचार तेज होता है। अवसाद की स्थिति से उबारने में यह बहुत कारगर आसन है। इस आसन को करने के लिए पहले पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में अच्छी तरह से बैठ जाएं। फिर गर्दन सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दाईं ओर ले जाएं। कुछ देर रुकें और फिर गर्दन को सीधे बाईं ओर ले जाएं। फिर कुछ क्षण बाद पुनः दाईं ओर सिर घुमाएं। अब सिर को 3-4 बार क्लॉकवाइज और उतनी ही बार एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं।