जानें, पान का पत्ता कैसे घटा सकता है मोटापा

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*  पहले तो विवाह के अवसर पर भोज के अंत में खाने के लिए पान दिया जाता था। क्या आपको पता है कि इसके पीछे क्या कारण था……?

* पान खाने का चलन बहुत पुराना है। पहले तो विवाह के अवसर पर भोज के अंत में खाने के लिए पान दिया जाता था। क्या आपको पता है कि इसके पीछे क्या कारण था? पान हजम शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही वज़न को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। जब पान को काली मिर्च के साथ खाया जाता है तब वज़न घटाने के प्रक्रिया और भी असरदार रूप में काम करने लगती है।

* अक्‍सर खाना खाने के बाद पान खाना पसंद करते हों लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इसके कई स्‍वास्‍थ लाभ भी होते हैं…..?

* यदि आपको यह पता चल जाए कि पान को खाने से आप मोटापे पर कंट्रोल कर सकते हैं, तो आप क्‍या कहेंगे…..?

* अधिकतर लोग तंबाकू-सुपारी या फिर गिलौरी डाल कर खाना पसंद करते हैं।अगर पान के पत्‍ते को काली मिर्च के दानों के साथ खाएं, तो यह 8 हफ्तों में मोटापा कम कर देगा।

*  पान के पत्ते बहुत शक्तिशाली गुणों से भरे होते हैं, यह और उचित हाजमें के लिये जाने जाते हैं। एक स्‍टडी में पाया गया कि पान के पत्‍ते शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढाते हैं तथा पेट में एसिडिटी होने से रोकते हैं। खाने खाने के बाद आप पान के पत्‍ते को जैसे ही मुंह में डालते हैं, यह तुरंत अपना असर दिखाना शुरु कर देता है। इसे खाने से मुंह में थूक बनने लगता है और यह पेट को खाना पचाने के लिये दिमाग को सिगनल भेज देता है। यह शरीर से विशैले पदार्थों को भी निकालने में सहायक है। पान खाने से कब्‍ज की समस्‍या भी नहीं होती।

* आयुर्वेद के अनुसार पाल की पत्‍तियां शरीर से मेधा धातुं यानी की बॉडी फैट को निकालती हैं, जिससे वजन कम होता है। प्रात:काल नाश्ते के उपरांत काली मिर्च के साथ पान के सेवन से भूख ठीक से लगती है। ऐसा यूजीनॉल अवयव के कारण होता है। सोने से थोड़ा पहले पान को नमक और अजवायन के साथ मुंह में रखने से नींद अच्छी आती है। अगर दूसरी ओर यदि काली मिर्च की बात की जाए तो उसमें पेप्पेरिन और पायथोन्‍यूट्रियंट्स होते हैं जो कि फैट का ब्रेक डाउन करते हैं। साथ ही इमसें मौजूद पेप्‍पेरिन तत्‍व पाचन क्रिया मे बहुत अहम रोल अदा करता है। काली मिर्च शरीर से मूत्र और पसीने को निकालती है जिससे शरीर से अत्‍यधिक पानी और गंदगी निकल जाती है।

* पान को चबाने से चयापचय (metabolism) का दर बढ़ जाता है, मुँह में लार बनने लगता है जो खाने को जल्दी हजम करवाने में मदद करता है। साथ ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता करता है। इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होने के कारण भूख कम लगती है और कब्ज़ की बीमारी से भी राहत मिलती है। पान के पत्ते को जब काली मिर्च के साथ खाया जाता है तब इसमें जो फाइटोन्यूट्रीएन्ट (phytonutrients) और पीपरीन ( piperine) होता है वह शरीर में फैट को जमने नहीं देता है। और शरीर से विषाक्त पदार्थों को और अतिरिक्त जल को बाहर निकालने में मदद करता है।

केसे करे इसे प्रयोग जाने :-

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* एक पान का पत्‍ता लें और उसमें 5 साबुत काली मिर्च रखें। फिर इसे मोड़ कर चबाएं। इसे खाली पेट रोजाना 8 हफ्तों तक खाएं। यह खाने में तीखा लगेगा। इसे धीरे धीरे चबा कर खाएं जिससे इसके सभी पेाषण आपके थूक के साथ आराम से पेट के अंदर जाएं। इससे उसकी पूरी पौष्टिकता लार के साथ पेट में चली जाएगी़। रोज सुबह खाली पेट इसको आठ हफ़्ते तक खायें और अपने वज़न में आए अंतर को देखें।

* पान की पत्‍ती हमेशा ताजी होनी चाहिये। यह हरे रंग की और नाजुक होनी चाहिये। अगर यह सूखी हुई और पीले रंग की पड़ गई है तो ऐस ना खाएं क्‍योंकि इसमें समाए सभी औषधीय मूल्य खो चुके होते हैं। इसके अलावा सड़ी हुई पत्‍ती जिसका रंग काला पड़ चुका है उसे भी ना खाएं नहीं तो पेट खराब होने का डर रहता है।

* मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

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