* आमतौर पर ये धारणा होती है कि सिर्फ गुटखा, तंबाकु और सुपारी खाने से ही दांत खराब होते हैं। लेकिन हाल में इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा किए गए सर्वे में खुलासा हुआ कि चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक और ज्यूस भी दांतों का पीलापन बढ़ता है। अस्पताल में पहुंचने वाले डेंटल मरीजों में से 50 प्रतिशत मरीजों के दांत इसी वजह से पीले हुए हैं।
* ये खुलासा गत दिनों इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा किए गए सर्वे में हुअा। कई लोग दांतों का पीलापन दूर करने ब्लीचिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल ये तकनीक डेंटल कॉलेज में ही उपलब्ध हैं। सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि ज्यादातर ऐसे लोग हैं जिनके दांत स्मोकिंग, गुटाखा, पान मसाला या सुपारी खाने से पीले पड़े। लेकिन ऐसे मरीज भी कम नहीं जिनके दांत ज्यादा काेल्डड्रिंक, चाय, कॉफी अौर ज्यूस पीने पड़े हैं।
ऐसे होती है दांतों की ब्लीचिंग :-
डेंटलस्पेशलिस्ट डॉ. रेखा मीणा ने बताया कि दांतों की ब्लीचिंग दो तरह से होती है। पहली तकनीक में दांतों पर सिंपल ब्लीच कर दिया जाता है जिससे दांत कुछ दिनों के लिए सफेद हो जाते हैं। दूसरी तकनीक में पेस्ट मेटेरियल बना कर कुछ हफ्तों के लिए दांतों पर लगाकर रखना पड़ता है। इस तकनीक से दांत एक दो साल तक सफेद बने रहते हैं।
स्थाई सफेदी भी बनी रह सकती है :-
डॉ.मीणा ने बताया कि दांतों को परमानेंट सफेद बनाए रखने के लिए उन पर पोर्सलिन का लेमिनेशन किया जाता है। इसके लिए पहले दांतों