जब लड़ाई एक ऐसी बीमारी से हो जिसे मात दे पाना मुश्किल है तब हमारी तैयारी भी दुरुस्त होनी चाहिए। कैंसर जैसी बीमारी के लिए सेहत की नियमित जांच के साथ-साथ अपने आहार में कैंसर को कम करने वाले तत्वों को जरूर जोड़ना चाहिए क्योंकि यही हमारे सुरक्षाकवच की तरह काम करते हैं। कैंसर का इलाज काफी कठिन माना जाता है । लेकिन जरूरी है कि ऐसी स्थिति में आप अपने खान-पान पर खास ध्यान दें। भोजन में ऐसे मसालों का कम से कम प्रयोग करें जिनसे शरीर में नुकसानदेह कोषाणुओं का बढ़ने का खतरा रहता है और जो आगे चल कर कैंसर कोषाणुओं का रूप ले लेते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक वरिष्ठ कर्करोग विशेषज्ञ डॉ बी. निरंजन नाइक और वरिष्ठ न्यूट्रिशिनिस्ट शिप्रा सकलानी ने कैंसर में उपयोगी भारतीय मसालों के गुणों के बारे में बताया है। जानिए अपने किचन में मौजूद उन मसालों के बारे में जिनमें कैंसर को मात देने की खूबियां हैं।हल्दी
कैंसर की बीमारी से लड़ने के लिए हल्दी सबसे अहम मानी जाती हैं। हल्दी में पॉलीफेनॉल करक्यूमिन होने के कारण यह उन कैंसर कोषाणुओं को नहीं बढ़ने देती जो प्रोस्टेट कैंसर, मेलेनोमा, स्तन कैंसर, मस्तिष्क कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
हल्दी जरूरी कोषाणुओं को बिना कोई नुकसान पहुंचाए कैंसर कोषाणुओं का खात्मा कर देती है। वहीं रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से शरीर में आसपास के जरूरी कोषाणुओं पर भी असर पड़ता है।
सौंफ
पोषक तत्व और एंटी ऑक्सीडेंट से परिपूर्ण सौंफ कैंसर कोषाणुओं को पछाड़ने में काफी असरदार होती है। सौंफ का मुख्य तत्व ‘एनेथोल’ कैंसर कोषाणुओं को चिपकने और आक्रामक होने से रोकता है।
भोजन से पहले लहसुन के साथ टमाटर-सौंफ का सूप या ताजी सलाद के साथ सौंफ का सेवन भी फायदेमंद रहता है। भुनी सौंफ के साथ पनीर अगर खाया जाए तो भी लाभ मिलेगा।
केसर
कैंसर से लड़ने के लिए केसर में मौजूद क्रोसेटिन एसिड ही इसका मूल तत्व है। यह न केवल बीमारी को बढ़ने से रोकता है बल्कि ट्यूमर के आकार को भी आधा कर पूरी तरह खत्म कर देता है। हालांकि यह दुनिया का सबसे मंहगा मसाला है लेकिन कई गुणों से युक्त इस मसाले को खरीद कर आप नहीं पछताएंगे।
जीरा
अक्सर हम खाने के बाद जीरे के कुछ दाने चबा ही लेते हैं क्योंकि यह पाचन में बहुत फायदा करता है, लेकिन इसके और भी कई फायदे हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट की खूबियां लिए जीरे में थाईमोक्यूनोन नाम का एक तत्व होता है जो प्रोस्टेट कैंसर पैदा करने वाले कोषाणुओं को फैलने से रोकता है।
इसलिए अपने रोज के नाश्ते में तेल और कैलोरी बढ़ाने की बजाय इस मसाले को बढ़ाएं तो बेशक आपके ज्यादा फायदा होगा। दाल और चावल में भी अगर जीरे का तड़का मार लें तो आपका खाना भी और स्वादिष्ट बनेगा और सेहत भी चुस्त होगी।
दालचीनी
कैंसर का खतरा दूर करने के लिए दिन में आधा चम्मच दालचीनी काफी है। आयरन और कैल्शियम से भरपूर इस मसाले को बढ़ते ट्यूमर को रोकने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। दलचीनी का प्रयोग करने के कुछ तरीके-
1- दिन की शुरूआत एक कप दालचीनी पत्ती से बनी चाय के साथ
2- सुबह के नाश्ते में दालचीनी का इस्तेमाल दिन बना देगा
3- कटे हुए सेब और अखरोट के साथ दालचीनी जादू की तरह काम करेगा।
अदरक
इसकी खूबियों से हम सभी वाकिफ हैं। यह कोलेस्ट्रॉल घटाने, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और कैंसर कोषाणुओं को मारने में मदद करता है। इसको साधारण तरीके से सब्जी, मछली औऱ सलाद बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे रोज के खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।