Dus Mahavidya Sadhana दस महाविद्या साधना
ऐसे कितने ही लोग है जिन्होने शक्ति की उपासना करी है। शक्ति के विभिन्न रुप है जैसे दुर्गा, काली आदि। सच में तो सभी देवीयाँ एक ही है अंतर है तो मुड और चित्रण का। मानों आद्याशक्ति कोध्र में है तो काली और ज्यादा कोध्र मे है तो धूमवती आदि होती है। इस प्रकार दयाभाव के भी विभिन्न स्वरुप है, जैसे प्रेम और पोषण करते समय भुवनेश्वरी, मतंगी और महालक्ष्मी कहलाती है।
इसी प्रकार से शक्ति साधना में दस महाविद्याओं की उपासना होती है। यह सब महाविद्या ज्ञान और शक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती हैं। आईए क्रम से विवरण जानते हैं:-
- काली 2. तारा 3. त्रिपुरसुंदरी 4. भुवनेश्वरी 5. त्रिपुर भैरवी 6. धूमावती 7. छिन्नमस्ता 8. बगला 9. मातंगी 10. कमल
इसमे भी दो कुल है, काली कुल और श्री कुल। चार काली कुल की साधना है और छः श्री कुल की साधना है। महाविद्या साधना करने के लिए किसी व्यक्ति का ब्राह्मण होना जरुरी नहीं है। महाविद्या की साधना कोई भी कर सकता है। इसमे जाति, वर्ग, लिंग आदि का कोई भेद नही है और सभी प्रकार के बन्धन से मुक्त है। सभी महाविद्या मे भैरव की उपासना भी कर लेनी चाहिए। क्योंकि यह महाविद्याए है तो इनकी क्रिया भी थोडी सी जटिल तो होगी ही इसलिए इनकी साधना शुरु करने से पहले आपको पंच शुद्धियों करनी ही चाहिए।