रेटिंग : 3/5
स्टार कास्ट : कृति सेनन, राजकुमार राव, आयुष्मान खुराना, पंकज त्रिपाठी और सीमा पहवा
डायरेक्टर : अश्विनी अय्यर तिवारी
म्यूजिक : आर्को पर्वो मुखर्जी, तनिष्क बागचीसमीरा कोप्पिकर, समीर उद्दीन और वायु
प्रोड्यूसर : नितेश तिवारी, श्रेया जैन, रजत नोनिया
जॉनर : रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा
बरेली की बर्फी डायरेक्टर अश्विनी अय्यर तिवारी की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है।डायरेक्टर अश्विनी अय्यर तिवारी की फिल्म बरेली की बर्फी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। निल बटे सन्नाटा (2016) के बाद अश्विनी की यह दूसरी बॉलीवुड फिल्म है, जिसमें उन्होंने एक छोटे शहर की फ्रेंक लड़की की कहानी को पर्दे पर उतारा है। जानते हैं कैसी है फिल्म.
फिल्म की कहानी बरेली (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले मिश्रा परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। नरोत्तम मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) और सुशीला मिश्रा (सीमा पहवा) की बेटी बिट्टी (कृति सेनन) बहुत फ्रेंक है। जब लड़के वाले उसे देखने के लिए आते हैं तो तरह-तरह के सवाल उससे करते हैं। मसलन उससे यह तक पूछ बैठते हैं कि वह वर्जिन है क्या?
एक ओर लड़के वालों की पुरुषवादी सोच और दूसरी ओर परिवार वालों की चिंता। परेशान होकर बिट्टी घर से भागने का फैसला करती है। वह सामान पैक कर स्टेशन पहुंच जाती है। लेकिन उसे वहां बरेली की बर्फी नाम की किताब मिलती है, जो बरेली के ही प्रीतम विद्रोही (राजकुमार राव) ने लिखी है। बिट्टी वह किताब पढ़ती है तो उसे लगता है कि राइटर ने उसके बारे में ही लिखा है।
वह सोचने लगती है कि राइटर उसे बेहद करीब से जानता है। फाइनली, वह वापस घर लौट जाती है और प्रीतम विद्रोही की तलाश करने लगती है। इस काम में वह चिराग दुबे (आयुष्मान खुराना) की मदद लेती है। चिराग प्रीतम को ढूंढ लेता है और उसे कहता है कि बिट्टी को प्यार के जाल में फंसाए और बाद में दिल तोड़ दे। ताकि बिट्टी उसे मिल सके।
क्या प्रीतम विद्रोही वाकई बिट्टी को करीब से जानता है? क्या चिराग अपनी चाल में सक्सेसफुल होता है? ऐसे कई सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। अश्विनी ने छोटे शहर की कहानी को बेहतरीन तरीके से दिखाया है।
डायलॉग्स कमाल के हैं, जो खूब ठहाके लगवाते हैं। इसके अलावा , बेहतर लोकेशंस का इस्तेमाल फिल्म में किया गया है। फिल्म का वीक प्वॉइंट है कि कहानी बहुत प्री-डिक्टेबल है। दर्शक आसानी से समझ सकता है कि अगले सीन में क्या होने वाला है। इसे और बेहतर लिखा जा सकता था।
पंकज त्रिपाठी और सीमा पहवा का काम बेहतरीन है। दोनों की कॉमिक टाइमिंग गजब की है। कृति सेनन पहली बार डी-ग्लैम अवतार में दिखाई दे रही हैं। लेकिन उन्होंने अच्छा काम किया है। आयुष्मान का काम ठीकठाक है। लेकिन राजकुमार राव की एक्टिंग कई बार सरप्राइज करती है। उन्होंने फिल्म में जबरदस्त काम किया है।
फिल्म के म्यूजिक पर और काम किया जा सकता था। ‘स्वीटी तेरा ड्रामा’ के अलावा कोई और सॉन्ग ऐसा नहीं है, जिसे ऑडियंस गुनगुनाते हुए बाहर निकले। बैकग्राउंड स्कोर भी ठीकठाक ही है।अगर आप हल्की-फुल्की कॉमेडी पसंद करते हैं तो यह फिल्म एक बार देख सकते हैं।