भारत के प्रस्तावित बाजार-आधारित आर्थिक प्रेषण तंत्र (डिस्पैच मैकेनिज्म) का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के संसाधनों को इष्टतम करना है: आरएमआई (RMI)

आरएमआई का विश्लेषण एमबीईडी (MBED) तंत्र का उपयोग करते हुए महाराष्ट्र और तमिलनाडु में पीक और ऑफपीक सीजन में प्रति दिन 1.5-4 करोड़ रुपये की संभावित दैनिक बचत का खुलासा करता है। 

नई दिल्ली, 3 मार्च, 2023 /PRNewswire/ — आरएमआई (RMI) की नई रिपोर्ट, Transforming India’s Electricity Markets: The Promises of Market-Based Economic Dispatch and the Path Forward, में थोक बाजार सुधारों के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रमुख उत्तोलन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है जो भारत में बिजली क्षेत्र के दीर्घकालिक सतत विकास को सुनिश्चित करेंगे। 

भारतीय बिजली क्षेत्र पिछले दशकों में तेजी से विकसित हुआ है, जिससे आर्थिक विकास को बल मिला है। अब, भारत के पास नवीन और लचीली बिजली उत्पादन प्रौद्योगिकियां अपनाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, विश्वसनीयता व कुशलता से बिजली की खरीद सुनिश्चित करने का अवसर है। आरएमआई इस बात पर जोर देता है कि भारत को अक्षय ऊर्जा की बढ़ते हिस्सेदारी की ओर छलांग लगाने के लिए मौजूदा थोक बाजारों में सुधार करने की आवश्यकता होगी। यह देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बिजली क्षेत्र के संसाधनों को इष्टतम करने सहित वितरण क्षेत्र में वित्तीय चुनौतियों को हल करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोत्साहन की आवश्यकता दर्शाता है।

यह रिपोर्ट बाजार आधारित आर्थिक डिस्पैच (MBED) तंत्र की रूपरेखा तैयार करती है, जो भारत के थोक बिजली बाजार में प्रस्तावित परिवर्तनों की स्थिति और प्रभाव के बारे में हितधारकों के बीच एक साझा समझ पैदा करती है। रिपोर्ट भारत में मौजूदा बाजार डिजाइन का सारांश प्रदान करती है, एमबीईडी (MBED) तंत्र के प्रत्याशित लाभों की पहचान करती है, और कार्यान्वयन की दिशा में प्रमुख बाधाओं पर विचार करती है। यह अंतरराष्ट्रीय बिजली बाजारों की सीखों को भी साझा करती है और भारत के बिजली क्षेत्र में एमबीईडी तंत्र में सफलतापूर्वक बदलाव के लिए सिफारिशें प्रदान करती है। 

दो राज्यों में आरएमआई RMI का विश्लेषण एक पूल किए गए जनरेटर पोर्टफोलियो के कुशल प्रेषण के माध्यम से लागत बचत को प्रदर्शित करता है और व्यापार-सामान्य परिदृश्य पर प्रति दिन 1.5-4 करोड़ रुपये (US$184,000US$491,000) की संभावित प्रणाली लागत बचत पाता है।

एमबीईडी (MBED) एक ऐसी प्रणाली बनाने की दिशा में एक कदम है जो उत्पादनकर्ताओं के लिए एक एकीकृत अखिल भारतीय दृष्टिकोण के साथ कुशलता से संचालित हो। रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत कैसे सुनिश्चित कर सकता है कि एक विश्वसनीय, लचीला और लागत प्रभावी बिजली क्षेत्र विकसित करने के लिए सही बिजली बाजार परिचालन संरचना मौजूद है। RMI के प्रबंध निदेशक क्ले स्ट्रेंजर ने कहा, “एमबीईडी (MBED) प्रस्ताव भारत के ऊर्जा संसाधनों को इष्टतम करने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र है और यह अभिनव नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को आगे बढ़ाने में भारत के वैश्विक नेतृत्व को आगे बढ़ाने के अगले प्रमुख अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।”

पूरी रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है: https://rmi.org/insight/transforming-indias-electricity-markets/

अधिक जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें media@rmi.org

Cision View original content:https://www.prnewswire.com/in/news-releases/———————rmi-301761577.html

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