सांस लेने में तकलीफ के चलते एम्स में भर्ती कराए गए पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को सुबह 11 बजे एम्स में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। एम्स ने देर शाम बताया कि डॉक्टरों की टीम जेटली का इलाज कर रही है।

फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उनका हाल जानने एम्स पहुंचे। 

इससे पहले जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। वे इस बीमारी के इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क चले गए थे और फरवरी में वापस लौटे थे। 

जेटली ने अमेरिका से इलाज कराकर लौटने के बाद ट्वीट किया था- घर आकर खुश हूं। जेटली ने अप्रैल 2018 में भी दफ्तर जाना बंद कर दिया था। इसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।

यहां उनका गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद वे अगस्त से वापस दफ्तर जाने लगे थे।सरकोमा कैंसर का ही एक प्रकार है, जो कि हडि्डयों या मांसपेशियों जैसे टिश्यू में शुरू होता है।

सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा के 50 से ज्यादा प्रकार होते हैं। आमतौर पर यह बाजुओं या पैरों में शुरू होता है। कुछ खास रसायनों के संपर्क में आने, रेडिएशन थैरेपी करवाने या कुछ आनुवंशिक रोग होने की वजह से इसका जोखिम बढ़ जाता है।

जेटली की सेहत पिछले कुछ महीनों से खराब है। छह महीने पहले भी उन्हें कुछ टेस्ट के लिए एम्स में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए यूके और यूएस जाने की सलाह दी थी।

लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद भाजपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भी वो नजर नहीं आए थे। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। 

अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर नई सरकार में शामिल होने पर असमर्थता जताई थी। स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से जेटली फरवरी में अंतरिम बजट पेश नहीं कर पाए थे।

जेटली की बीमारी के चलते पीयूष गोयल ने दो बार वित्त मंत्रालय संभाला था।

मई 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद जेटली को वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। वे 2014 में छह महीने रक्षा मंत्री रहे। बाद में मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री बनाए गए।

उनके गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद जेटली को 2017 में छह महीने के लिए दोबारा यह प्रभार दिया गया। बाद में उनकी जगह निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री बनीं।

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