जब कोई प्रदार्थ नाक के अन्दर चला जाता है तो नाक की म्युकस झिल्ली में सुरसुराहट -सी होने लगती है । उस प्रदार्थ को बाहर निकालने के लिए छींक आती है । इसी प्रकार जुकाम होने पर नाक की झिल्ली में सूजन आ जाती है और खुजलाहट होने लगती है ,तब दिमाग पसलियों की मास्पेशियाँ और तन्तुष्ट को हुक्म देता है और तुरंत छींक आ जाती है ।
छींक आने के बाद शरीर में कुछ ताजगी -सी आ जाती है और आदमी हल्कापन महसूस करता है । विज्ञान के अनुसार छींक आना शरीर की एक प्रतिवर्ती क्रिया है जो इच्छा के बिना होती है । छींक आने पर पूरा शरीर झन्ना जाता है और आँखें बंद हो जाती है ।
इंडिया हल्ला बोल