तालिबान की अंदरुनी लड़ाई से पाकिस्तान परेशान है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख राहिल शरीफ इस लड़ाई को खत्म कराने के लिए सक्रिय हो गए हैं। अफगानिस्तान में आए दिन हिंसक घटनाओं को अंजाम देने वाले इस संगठन से पाकिस्तान का लगाव छिपा नहीं है। पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे आतंकी हाफिज सईद की रिहाई के लिए अगवा किया गया भारतीय विमान तालिबान के शासनकाल में ही अफगानिस्तान लाया गया था। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को राहिल शरीफ ने तालिबान के मौजूदा हालात को लेकर नवाज शरीफ को जानकारी दी।
आइएसआइ के महानिदेशक रिजवान अख्तर, गृह मंत्री चौधरी निसार और वित्त मंत्री इशाक डार भी इस दौरान मौजूद थे। बैठक में मुल्ला उमर की मौत की खबर सामने आने के बाद तालिबान में नेतृत्व को लेकर मची उठापटक पर अफसोस जताया गया। अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार अफगान सरकार और तालिबान को वार्ता के मेज पर दुबारा लाने के प्रयास भी पाकिस्तान ने तेज कर दिए हैं। गौरतलब है कि दोनों पक्षों के बीच सात जुलाई को इस्लामाबाद के करीब मरी में पहले दौर की बातचीत हुई थी। 31 जुलाई को दूसरे दौर की वार्ता की संभावना थी। लेकिन, मुल्ला उमर की मौत की खबर सामने आने के बाद यह स्थगित कर दी गई।