Tag Archives: भक्ति

Dhuni Dena meaning in hindi । धुनी रमाना बहुत कठिन होती है ये साधना

Dhuni Dena meaning in hindi । धुनी रमाना बहुत कठिन होती है ये साधना सभी साधुओं की आराधना और तपस्या के तरीके अलग-अलग और कठोर होते हैं। भक्ति का ऐसा ही एक तरीका है धुनी रमाना। धुनी रमाने की क्रिया में साधु कठोर तप करता है और खुद के शरीर को तपाता है। ये क्रिया अलग-अलग तरह के हठयोगों में …

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Role of Hanuman in Kaliyuga । कलियुग में कहां रहते हैं हनुमानजी जानें

Role of Hanuman in Kaliyuga : श्री हनुमान श्रीराम-भक्तों के परमधार, रक्षक और श्रीराम-मिलन के अग्रदूत हैं। रुद्र अवतार श्रीहनुमान का बल, पराक्रम, ऊर्जा, बुद्धि, सेवा व भक्ति के अद्भुत व विलक्षण गुणों से भरा चरित्र सांसारिक जीवन के लिए आदर्श माना जाता हैं। यही वजह है कि शास्त्रों में श्रीहनुमान को ‘सकलगुणनिधान’ भी कहा गया है। हिन्दू पौराणिक मान्यताओं …

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चैत्र नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में उमड़ी भारी भीड़

शक्ति की भक्ति और आराधना का पर्व नवरात्र शुरू हो गया है, आज नवरात्र का पहला दिन है. नौ दिन भक्त देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. पहले दिन स्थापना के बाद पूजा-पाठ और हवन होता है. पहले दिन मां शैलपुत्री रूप की आराधना की जाती है. नवरात्र के पहले दिन देशभर के मंदिरों में भक्तों की …

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इस वास्तुशास्त्र द्वारा नवरात्र में माता को प्रशन्न कर सकते है

नवरात्र यानी शुक्लपक्ष प्रतिपदा से लेकर विजयादशमी तक जगह-जगह रामलीला और मां दुर्गा के पंडाल का आयोजन होता है, जिससे पूरा माहौल पवित्र और धार्मिक भावों से परिपूर्ण हो जाता है। हर जगह उमंग का संचार रहता है।ऐसे पवित्र वातावरण में जब हम मां दुर्गा की भक्ति में लीन होते हैं, तो मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि …

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अन्नपूर्णा देवी की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। जिसका अर्थ …

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शीतला माता की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। जिसका अर्थ …

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वैष्णो माता की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। जिसका अर्थ …

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शनिदेव की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि …

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देवगुरु बृहस्पति की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि …

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गायत्री माता की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि …

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