Tag Archives: परमात्मा

Secrets of Mantra । क्या है 108 बार मन्त्र जाप का रहस्य जानें

Secrets of Mantra : क्या आपने कभी सोचा है कि हम जो मंत्र जाप करते हैं या गुरु द्वारा मंत्र प्रदान किये जाते हैं पर यह आदेश दिया जाता है कि इस मंत्र का नियम से नित्य 108 जाप करना है, तो इस 108 संख्या का हमारे मंत्र जाप से क्या संबंध है? यह संख्या पूरी 100 क्यों नहीं बतायी …

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Chants to The Sun From Om । अनादिकाल से सूर्य ॐ का जाप कर रहा है जानें

Chants to The Sun From Om : NASA के वैज्ञानिकों ने अनेक रिसर्च के बाद डीप स्पेस में यंत्रों द्वारा सूर्य में हर क्षण होने वाली एक ध्वनि को रिकॉर्ड किया। उस ध्वनि को सुना तो वैज्ञानिक भी चकित रह गए, क्योंकि यह ध्वनि कुछ और नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की वैदिक ध्वनि “ओ३म्” थी। सुनने में बिलकुल वैसी, जैसे हम …

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Know Om Mantra benefits ॐ के 11 शारीरिक लाभ जानिए

Know Om Mantra benefits : प्राचीन भारत से लेकर अबतक ॐ का बहुत महत्व है। ॐ सानतन संस्कृति का मूल आधार ही है , यह एक शब्द नहीं स्वंय परमात्मा ही है। आज संस्कृति में हम आपको ॐ के 11 शारीरिक लाभ बतायेंगे जो आपके लिए बहुत महत्वपुर्ण हैं। ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है। अ उ म् …

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Do you know Shiva in Kailash and truth about the mysterious supernatural power । क्या आप जानते है शिवलिंग और कैलाश पर्वत में स्थापित रहस्यमय अलौकिक शक्ति के सत्य के बारे में

Do you know Shiva in Kailash and truth about the mysterious supernatural power : ओम नम: शिवाय।- ‘ओम’ प्रथम नाम परमात्मा का फिर ‘नमन’ शिव को करते हैं। ‘सत्यम, शिवम और सुंदरम’ जो सत्य है वह ब्रह्म है:- ब्रह्म अर्थात परमात्मा। जो शिव है वह परम शुभ और पवित्र आत्म तत्व है और जो सुंदरम है वही परम प्रकृति है। …

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अन्नपूर्णा देवी की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। जिसका अर्थ …

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शीतला माता की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। जिसका अर्थ …

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वैष्णो माता की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। जिसका अर्थ …

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शनिदेव की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि …

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देवगुरु बृहस्पति की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि …

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गायत्री माता की आरती

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है।आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि …

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