Shanivar Vrat Vidhi शनिवार व्रत विधि
हिन्दू धर्म में शनि एवं राहु ग्रह की शांति के लिए शनिवार का व्रत विशेष माना जाता है। अग्नि पुराण के अनुसार मूल नक्षत्र युक्त शनिवार से आरंभ करके सात लगातार शनिवार व्रत करने वाले जातक को शनि ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
शनिवार व्रत विधि (Shanivar Vrat Vidhi)
शनिवार व्रत में शनिवार की सुबह उठकर स्नान के बाद तिल और लौंग युक्त जल पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते समय व्यक्ति को हनुमान जी और शनिदेव की आराधना करनी चाहिए। इसके बाद शनिदेव की मूर्ति के समीप बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।
पूजा समाप्ति के बाद काला कपड़ा, काली वस्तु भिक्षु को दान करना चाहिए। व्यक्ति को शाम के समय भोजन करते समय “शं शनैश्चराय नम” का जाप करना चाहिए। व्रत के अंतिम दिन व्यक्ति को शनि देव की आराधना करते हुए हवन करना चाहिए।
शनिवार व्रत का फल (Benefits of Shanivar vrat)
शनिवार का व्रत करने से शनि ग्रह का दोष समाप्त हो जाता है तथा व्यक्ति शनि के कठोर प्रकोप से बच जाता है। इसके अलावा उसे सुख और वैभव की प्राप्ति भी होती है।