भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की उम्मीद टूटी

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अलगाववादी नेताओं के मसले पर बने गतिरोध से भारत-पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं और दोनों देशों ने कड़े बयान जारी किये हैं। लेकिन कोई भी वार्ता से हटने की बात अपनी तरफ से नहीं करना चाहता वार्ता की संभावना कम होने के बीच पाकिस्तान ने शुक्रवार रात कहा कि कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी सोमवार को सुबह 9:30 बजे उसके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात करेंगे। जाहिर तौर पर भारत के एनएसए अजीत डोभाल से अजीज की प्रस्तावित बातचीत के निर्धारित समय से पहले यह मुलाकात होने की बात कही गयी है। भारत ने जहां सीमारेखा खींचते हुए पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया है कि अलगाववादियों और अजीज के बीच वार्ता उसे स्वीकार नहीं है, वहीं गिलानी-अजीज की मुलाकात तय हो जाने से पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है।

श्रीनगर में गुरुवार को कुछ अलगाववादी नेताओं को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था जिसमें गिलानी भी शामिल थे और यदि उन्हें मुलाकात के लिए दिल्ली आने दिया जाता है तो आश्चर्यजनक होगा। अब यह जिम्मेदारी पाकिस्तान की है कि वह या तो बातचीत की दिशा में आगे बढ़े या इसे रद्द करे।भारत ने पाकिस्तान से साफ किया कि अलगाववादी नेताओं और अजीज की मुलाकात उचित नहीं होगी।पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से बातचीत करने की पिछली परिपाटी से नहीं हटेगा और इस तरह उसने अजीज से अलगाववादियों की मुलाकात नहीं होने की भारत की सलाह मानने से इनकार कर दिया।

भारत ने पलटवार करते हुए हुर्रियत के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किये जाने को ‘उकसाने वाला कदम’ बताया और पाकिस्तान पर आतंकवाद पर महत्वपूर्ण चर्चा में शामिल होने की प्रतिबद्धता से हटने की कोशिश करने का आरोप लगाया जिसके लिए पिछले महीने रूस के उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच सहमति बनी थी।भारत ने कहा कि पूर्व शर्त के तौर पर हुर्रियत नेताओं से मुलाकात पर इस्लामाबाद का जोर देना उफा में हुई सहमति से पूूरी तरह हटना है। इसके अलावा भारत ने हमेशा यह रख व्यक्त किया है कि द्विपक्षीय रिश्तों में केवल दो पक्ष हैं, तीन नहीं।

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