आंतकवादी हमलों में आई तेजी तथा कश्मीरी पढ़े लिखे युवकों का आंतकवाद की ओर आकर्षित होने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय बेहद चिंतित है.सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत सूबे के शासन से एक रिपोर्ट तलब की है. इस संबंध में गृह मंत्रालय सूबे के गृह विभाग से कश्मीर में बढ रही घटनाओं पर विस्तृत जानकारी मांगी है.गौरतलब है कि जब से इस सरहदी सूबे में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बजूद में आई है. तब से आंतकवादी गतिविधियों तथा पाकिस्तान व आईएसआईएस के झंड़े फहराये जाने की आए दिन खबरें सामने आ रही हैं. बताया गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय बहुत जल्द सूबे के गृह विभाग तथा अन्य एजंसियों की एक बैठक बुलाने की सोच रहा है. यह बैठक नई दिल्ली में होगी. गृह मंत्रालय को विभिन्न खुफिया एजंसियों के जरिए जो जानकारियां मुहैया हो रही हैं उससे गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा मंत्रालय के आला अफसर खासे चिंतित हैं.
खुफिया तथा सुरक्षा एजंसियों का मानना है कि जिस प्रकार 90 के दशक के बाद से अब फिर से घाटी में कश्मीरी युवक विशेषकर पढ़े लिखे आंतकवाद के लिए गुमराह हो रहे हैं उससे यहां के हालात पुन: गंभीर हो सकते हैं. दक्षिण कश्मीर के अंर्तगत आने वाले कुलगाम, पुलवामा, त्राल, शौपियां तथा बिजबेहड़ा बगैरा इलाकों में युवक सर्वाधिक गुमराह हो रहे हैं.काबिलेगौर है कि इन इलाकों में पीडीपी का सबसे ज्यादा राजनीतिक प्रभाव है. पिछले कुछ सप्ताह में आंतकी वारदातों में आई तेजी तथा ऊधमपुर में बीएसएफ बस पर हमला करने के आरोपी जिंदा पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा आंतकवादी नावेद की गिरफ्तारी के बाद दक्षिण कश्मीर में आंतकवादी हमले बढ़े हैं. उल्लेखनीय है कि बीते दिन सुरक्षाबलों ने कई घंटे लंबी चली मुठभेड़ के बाद लश्कर के दो आंतकवादियों को मार गिराने में कामयाबी हासिल की.
यह अलग बात है कि कश्मीर संभाग के पुलिस महानिरिक्षक एसजेएम गिलानी का दावा है कि वर्ष 2014 के मुकाबले इस साल आंतकी घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने यह भी दाबा किया है कि कश्मीर से किसी भी युवक के आईएसआईएस में शामिल होने अथवा उससे संपर्क होने की उनके पास कोई खबर नहीं है. लेकिन चौकाने वाली बात यह भी है कि जो पढ़े लिखे नौजवान आंतकवादी बन रहे हैं, वह सरहद पार नहीं गए बल्कि कश्मीर के भीतर ही कहीं हथियारों का प्रशिक्षण ले रहे हैं परंतु पुलिस महानिरिक्षक का कहना है कि कश्मीर में ऐसे प्रशिक्षण शिविर होने की उनके पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. सूत्रों का कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा व अन्य आंतकवादी संगठनों की धमकियों के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खुफिया तथा सुरक्षा एजंसियों को आपस में बेहतर तालमेल बनाने की कड़ी हिदायत दी है.