सुप्रीम कोर्ट ने कराया दुष्कर्म पीड़िता गर्भपात

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डॉक्टरों की निगरानी में शुक्रवार रात यहां दुष्कर्म पीड़ित 14 वर्षीय किशोरी का सफल गर्भपात करा दिया गया। दसवीं कक्षा में पढऩे वाली किशोरी को 25 हफ्ते का गर्भ था। देश में यह संभवत: पहला मामला है जब 20 हफ्ते से ज्यादा की गर्भवती को कानूनन गर्भपात की इजाजत दी गई। डॉक्टरों ने पहले इस प्रक्रिया में करीब 24 से 36 घंटे लगने की संभावना जताई थी। अहमदाबाद सिविल अस्पताल से जुड़े सूत्रों के अनुसार हालांकि किशोरी के हौसला दिखाने पर 12 घंटे के भीतर ही गर्भपात की प्रक्रिया पूरी हो गई। इसे दवाओं के जरिये अंजाम दिया गया। अस्पताल के अधीक्षक डॉ एमएम प्रभाकर ने बताया कि किशोरी की हालत अब ठीक है।

बीस सप्ताह से अधिक का गर्भ होने के कारण गुजरात हाई कोर्ट ने गर्भपात की इजाजत देने से इन्कार कर दिया था। फरवरी में टाइफॉयड का इलाज कराने के दौरान चिकित्सक जतिन भाई के मेहता ने इस किशोरी से दुष्कर्म किया था, जिसकी वजह से वह गर्भवती हो गई। गुजरात हाई कोर्ट के इन्कार के बाद किशोरी के परिजनों ने गर्भपात की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई।

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