सरताज अजीज से मिलने के लिए अलगाववादी नेता दिल्ली रवाना

Sartaj-Aziz

पाकिस्तान के अड़ियल रवैए के कारण मीटिंग कैंसल हो सकती है। इस बीच, पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज से मिलने के लिए कश्मीर के अलगाववादी नेता दिल्ली रवाना हो रहे हैं। वहीं, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह भी दिल्ली आने की तैयारी में है।शाह ने कहा, ”हम पीछे नहीं हटेंगे। हम दिल्ली जाएंगे, उनसे मिलेंगे। हमारे लिए जाना इसलिए भी जरूरी है कि हम उनसे भी (पाकिस्तान) जवाब मांग सकें।” गृह मंत्रालय इसका पहले ही संकेत दे चुका है कि यदि अलगाववादी नेता दिल्ली आते हैं तो उन्हें अरेस्ट किया जाएगा।

आतंकवाद को लेकर होने वाली बातचीत में पाकिस्तान भारत पर आरोप लगाने की तैयारी में है। यही नहीं, एनएसए अजीत डोभाल के खिलाफ भी पाकिस्तान डोजियर बना रहा है। अगर बातचीत होती है तो भारत के आरोपों को खारिज करने के लिए पाकिस्तान के एनएसए इसी तैयारी के साथ आ सकते हैं। एनएसए की बातचीत में भारत पाकिस्तान को मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट सौंपेगा। इस लिस्ट में मुंबई धमाके के गुनाहगार दाऊद इब्राहिम का नाम पहले नंबर पर है। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का नाम दूसरे नंबर है। इस्लामाबाद में दोपहर डेढ़ बजे अजीज सरताज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसी दौरान वह पाकिस्तान का रुख स्पष्ट कर सकते हैं कि बातचीत को लेकर आगे क्या होगा। वहीं, दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।

पाकिस्तान का फाइनल स्टैंड देखने के बाद भारत एनएसए लेवल की मीटिंग कैंसल कर सकता है। पिछले साल भी अगलाववादियों से पाकिस्तान की बातचीत के कारण भारत ने फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत कैंसल कर दी थी। शुक्रवार शाम पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय भारत की वॉर्निंग को दरकिनार कर चुका है। पाकिस्तान का कहना है कि इन हालात में बातचीत का कोई महत्व नहीं है। शनिवार को विदेश मंत्रालय बयान जारी कर सकता है। भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के बीच 23-24 अगस्त को दिल्ली में बातचीत होनी है। पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंगलवार रात कश्मीरी अलगाववादियों को न्योता भेजकर 23 अगस्त को दावत पर बुलाया है।

यानी पाकिस्तान उसी दिन कश्मीरी अलगाववादियों से मिलना चाहता है, जिस दिन डोभाल की अजीज के साथ मीटिंग होगी। दोनों देशों में बढ़ी खींचतान के बावजूद भारत की तरह पाकिस्तान बातचीत कैंसल करने को लेकर नहीं सोच रहा है। इस्लामाबाद के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान का फोकस एक ही बात पर है, डोभाल की बातों का काउंटर करना। डोभाल के पिछले बयानों को अजीज ‘एंटी-पाकिस्तान’ के तौर पर पेश करने की योजना रहे हैं। बता दें कि पाकिस्तान पर रणनीति को लेकर पूर्व में डोभाल कई बार खुलेआम बात कर चुके हैं। डोभाल के बयानों की पाकिस्तानी मीडिया में खूब चर्चा भी होती रही। विदेश मामलों के एक्सपर्ट डॉ. रहीस सिंह ने कहा- भारत की कूटनीतिक चाल में पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है।

पहले उफा में कश्मीर के बिना बात को राजी हुआ। फिर सीजफायर तोड़े जाने और आतंकी हमले के बावजूद भारत ने बातचीत कैंसल नहीं की। आखिरकार, पाकिस्तान ने आखिरी कार्ड के रूप में हुर्रियत दांव चला। लेकिन अपने ही दांव में वो उलझ गया। अब अगर बातचीत टूटती है तो सारा दोष पाकिस्तान पर जाएगा। और बिना हुर्रियत की शर्त पर चर्चा करता है तो उसे आतंकवाद पर बात करनी होगी। यानी कश्मीर पाकिस्तान के प्राइम एजेंडे से बाहर। पाकिस्तान किसी सूरत में नहीं चाहेगा कि बातचीत का फोकस आतंकवाद हो, क्योंकि आतंकवाद पर बात करने का मतलब होगा खुद का चेहरा बेनकाब करना। आतंकी नावेद के कबूलनामे समेत भारत ने डोजियर के रूप में लंबा चिट्ठा इकट्ठा कर रखा है।

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