भूख बड़ी या?

एक प्रोफेसर साहब कक्षा में जीवों के व्यवहार के सम्बन्ध में पढ़ा रहे थे।
इसके लिए उन्होंने एक चूहे के एक तरफ रोटी और दूसरी तरफ चुहिया रखी।

फिर जैसे ही चूहे को छोड़ा तो वह सीधा रोटी की तरफ लपका।
दूसरी बार उन्होंने रोटी हटाकर उसकी जगह चावल रखे। इस बार भी चूहा चुहिया की तरफ न जाकर चावलों पर टूट पड़ा।
इस तरह प्रोफ़ेसर ने खाने की कई चीज़ें बदल-बदलकर चूहे के पास रखी और हर बार चूहा खाने की चीज़ों की तरफ ही गया। चुहिया की तरफ उसने देखा भी नहीं।

प्रोफ़ेसर ने छात्रों को निष्कर्ष समझाया : “इससे साबित होता है कि भूख ही सबसे बड़ी ज़रूरत है…दूसरी जरूरतें उसके आगे कुछ भी नहीं।”
छात्रों के बीच में से एक आवाज़ आई – “सर, एक बार चुहिया भी बदलकर देख लेते…. हो सकता है यह काली-कलुटी चुहिया चूहे को रास नहीं आ रही हो।”

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