इतनी सीढ़ियां?

गणपत और सेवकराम शराब के नशे में धुत्त होकर रेल की पटरियों के बीच जा रहे थे।
गणपत : हे भगवान, मैंने इतनी सीढ़ियां पहले कभी नहीं चढ़ीं।
सेवकराम: अरे सीढ़ियां तो ठीक हैं, मैं तो इस बात को लेकर हैरान हूं कि हाथ से पकड़ने के लिए डंडे कितने नीचे लगे हुए हैं।

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