WHO WAS THE TRUE FATHER OF SITA सीता किसकी बेटी थी? रावण या जनक

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WHO WAS THE TRUE FATHER OF SITA: सीता के विषय में रामायण और अन्य ग्रंथों में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार मिथिला के राजा जनक के राज में कई वर्षों से वर्षा नहीं हो रही थी। इससे चिंतित होकर जनक ने जब ऋषियों से विचार किया तब ऋषियों ने सलाह दिया कि महाराज स्वयं हल चलाएं तो इन्द्र देव की कृपा हो सकती है।  हल चलाते समय हल एक धातु से टकराकर अटक गया। राजा जनक ने उस स्थान की खुदाई करने का आदेश दिया। इस स्थान से एक कलश निकला जिसमें एक सुंदर सी कन्या थी। राजा जनक निःसंतान थे। इन्होंने कन्या को ईश्वर की कृपा मानकर पुत्री बना लिया। हल का फल जिसे सीत कहते हैं उससे टकराने के कारण कालश से कन्या बाहर आयी थी इसलिए कन्या का नाम सीता रखा गया।

इस घटना से ज्ञात होता है कि सीता राजा जनक की अपनी पुत्री नहीं थी। धरती के अंदर छुपे कलश से प्राप्त होने के कारण सीता खुद को पृथ्वी की पुत्री मानती थी। लेकिन वास्तव में सीता के पिता कौन थे और कलश में सीता कैसे आयी इसका उल्लेख अलग-अलग भाषाओं में लिखे गये रामायण और कथाओं से प्राप्त होता है। 

कई विद्वानों का मानना है कि सीता और रावण पिता-पुत्री थे। हालांकि रामायण के सबसे प्रामाणिक ग्रंथ वाल्मीकि रामायण में इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता है।

राम के जीवन पर करीब 125 अलग-अलग रामायण लिखी जा चुकी हैं। कई ग्रंथों को विद्वान प्रामाणिक भी मानते हैं। सीता और रावण के संबंध में कई कथाएं भी प्रचलित हैं। ऐसी ही एक रामायण है जिसका नाम है अदभुत रामायण। यह रामायण 14वीं शताब्दी में लिखी मानी जाती है। यह मूलत: कथानक न होकर दो प्रमुख ऋषियों वाल्मीकि और भारद्वाज ऋषि के बीच का वार्तालाप है।

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