रावण की ये 10 अच्छाइयां जानकर आप रह जाएंगे हैरान

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Ten important facts you should know about Ravana:

आज से वर्ष 7129 वर्ष पूर्व हुए थे भगवान राम अर्थात उनका जन्म 5,114 ईस्वी पूर्व हुआ था। उन्हीं के काल में हुआ था दशानन रावण। राम तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन रावण नाम का दूसरा कोई नहीं मिलेगा। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ बहु-विद्याओं का जानकार था। उसे मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। उसके पास एक ऐसा विमान था, जो अन्य किसी के पास नहीं था। इन सभी के कारण सभी उससे भयभीत रहते थे।

ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य ऋषि हुए। उनका पुत्र विश्रवा हुआ। विश्रवा की पहली पत्नी भारद्वाज की पुत्री देवांगना थी जिसका पुत्र कुबेर था। विश्रवा की दूसरी पत्नी दैत्यराज सुमाली की पुत्री कैकसी थी जिसकी संतानें रावण, कुंभकर्ण और विभीषण थीं।

जैन शास्त्रों में रावण को प्रति‍-नारायण माना गया है। जैन धर्म के 64 शलाका पुरुषों में रावण की गिनती की जाती है।

रावण के बारे में वाल्मीकि रामायण के अलावा पद्मपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, कूर्मपुराण, महाभारत, आनंद रामायण, दशावतारचरित आदि हिन्दू ग्रंथों के अलावा जैन ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है। भगवान रामचंद्र का विरोधी और शत्रु होने के बावजूद रावण ‘सिर्फ बुरा’ ही नहीं था। वह बुरा बना तो सचमुच में ही प्रभु श्रीराम की इच्‍छा से। होइए वही जो राम रचि राखा…

एक बुराई आपकी सारी अच्छाइयों पर पानी फेर देती है और आप देवताओं की नजरों में भी नीचे ‍गिर जाते हैं। विद्वान और प्रकांड पंडित होने से आप अच्छे साबित नहीं हो जाते।

अच्छा होने के लिए नैतिक बल का होना जरूरी है। कर्मों का शुद्ध होना जरूरी है। शिव का परम भक्त, यम और सूर्य तक को अपना प्रताप झेलने के लिए विवश कर देने वाला, प्रकांड विद्वान, सभी जातियों को समान मानते हुए भेदभावरहित रक्ष समाज की स्थापना करने वाला रावण आज बुराई का प्रतीक माना जाता है इसलिए कि उसने दूसरे की स्त्री का हरण किया था। आओ जानते हैं कि रावण में कौन-कौन-सी अच्छाइयां थी।

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